खुशहाल जीवन के लिए लोगों को मिला परामर्श, 172 लोग परामर्श पाकर खुशहाल जीवन के प्रति हैं अग्रसर

बलौदाबाजार, 21 जनवरी। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को समझना और उनका निराकरण करना वर्तमान समय में बहुत जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए बलौदाबाजार के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं I दिसंबर 2020 तक जिले के 172 लोगों की काउंसिलिंग कर मानसिक विकारों को दूर करने का प्रयास किया गया। साथ ही आत्महत्या रोकथाम (सुसाइड प्रीवेंशन) के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग के लिए जिला कार्यक्रम सलाहकार को नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निम्हांस) की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
सभी विकासखंडों में परामर्श- बलौदाबाजार के सभी विकासखंडों में आत्महत्या के लिए परामर्श दिया जा रहा है। आत्महत्या परामर्श के तहत (अप्रैल से दिसंबर 2020 तक) कुल 172 लोगों को परामर्श दिया गया। इनमें बलौदाबाजार, बिलाईगढ़,सिमगा, पलारी, भाटापारा शामिल हैं जिनकी काउंसलिंग हुई। हालांकि जिले में मानसिक अवसाद, तनाव की वजह से आत्महत्या की कोशिश करने वालों की संख्या भी काफी रही जिनको चिकित्सकों दवारा काउंसिलिंग प्रदान की गई।
डॉ. राकेश कुमार प्रेमी मनो चिकित्सक (एनएमएचपी) ने बताया जिले में मानसिक रोग को लेकर लोगों में जागरूकता आई है और मानसिक बीमार व्यक्तियों को इसका लाभ भी मिल रहा है। मानसिक रोगों की पहचान करने और ऐसे लोगों को चिकित्सकीय सुविधा और मदद करने के लिए गेट कीपर ट्रेनर विशेष रूप से मदद पहुंचा रहे हैं। उल्लेखनीय है राज्य सरकार भी अब प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डॉक्टरों को मानसिक बीमारियों और मानसिक रोगियों की पहचान करने तथा ऐसे रोगियों को इलाज सुविधा मुहैय्या कराए जाने का प्रयास कर रही है। सरकारी प्रयास की बदौलत ही जिले के सभी ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य केन्द्रों में मानसिक रोगियों को परामर्श प्रदान किया जा रहा है।
जिला सलाहकार मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ सुजाता पाण्डेय ने बताया “समाज का हर तीसरा व्यक्ति मानसिक व्याधियों से पीड़ित है। परंतु लोग इसे न स्वीकार करते हैं ना ही इलाज करना चाहते हैं। मानसिक अवसाद, तनाव की वजह से लोग आत्महत्या तक कर बैठते हैं। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बलौदाबाजार भाटापारा में आत्महत्या रोकथाम (सुसाइड प्रिवेंशन) के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस) द्वारा गेटकीपर ट्रेनिंग दी गई। जिले में गेटकीपर ट्रेनिंग में सफलतापूर्वक सर्टिफिकेट कोर्स भी निम्हांस की ओर से किया गया और अभी हाल में चाइल्ड एंड मेंटल हेल्थ और सुसाइड प्रीवेंशन के लिए भी प्रशिक्षण हुआ जिसमें जिसमें हिस्सा लेने का अवसर मिला।