रायपुर, 19 जून। Shanti Sarovar : पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. एल. वर्मा ने कहा कि सिर्फ एक दिन योग दिवस मनाकर इसे भूल मत जाएं बल्कि इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर दैनिक जीवन का अंग बनाना होगा। इससे ही सशक्त और मानवतावादी समाज बनाने में मदद मिलेगी।
योग को अपने दैनिक जीवन का अंग बनाना होगा : डॉ. केसरी लाल वर्मा
डॉ. वर्मा आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर में आयोजित योग महोत्सव का शुभारम्भ करने के बाद अपने उद्गार व्यक्त कर रहे थे। चर्चा का विषय था – मानवता के लिए योग। उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान में कई वर्षों से योग सिखलाया जाता रहा है। आज इसे विश्व ने अपनाया है। उनके विश्वविद्यालय में योग पर शोध किया जा रहा है। योग से सकारात्मक उर्जा मिलती है। मन प्रसन्न हो जाता है। तनाव नहीं होता है। हर काम समय पर और सरलता से सम्पन्न हो जाता है। कोविड ने यह बतला दिया है कि स्वस्थ रहने के लिए योग कितना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बह्माकुमारी संस्थान नैतिक गुणों का विकास (Shanti Sarovar) करने का सराहनीय कार्य कर रही है। इस संस्थान में आने से उन्हें सकारात्मक उर्जा मिलती है। सरकार भी नई शिक्षा नीति में नैतिक गुणों का विकास करने पर ध्यान दे रही है। इसका उद्देश्य ऐसा व्यक्ति तैयार करना है जो कि ज्ञानवान, कौशलवान और नैतिक गुणों से सम्पन्न हो।
तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन रोकना बड़ी चुनौती थी : प्रमोद दुबे
नगर पालिका निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने योग का बहुत प्रचार किया। अब वही कार्य ब्रह्माकुमारी संगठन पूरे विश्व के 140 देशों में अपने सेवाकेन्द्रों के माध्यम से कर रही है। उन्होंने इस संस्थान में आकर सीखा कि जीवन में ऐसा कार्य करो जिससे कि आत्मिक सन्तुष्टि मिले। जब हमने कलेक्ट्रेट के पास ऑक्सी जोन बनाने का निर्णय लिया तो अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि उसे अधिकारियों के बंगलों को तोड़कर बनाना था।
इसी प्रकार तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन रोकना भी बहुत बड़ी चुनौती थी। लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर यह भी सम्भव हो सका। बाद में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इसे सराहा और सभी जगह इसी तरह अलग से विसर्जन कुण्ड बनाने का सुझाव दिया।
राजयोग एक सर्वोत्तम योग पद्घति : ब्रह्माकुमारी कमला दीदी
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि राजयोग एक सर्वोत्तम योग पद्घति है। इससे मनुष्य का तन और मन दोनों स्वस्थ और सात्विक बनता है। व्यायाम और योगासन करने से शरीर भले ही पुष्ट और बलवान बन जाए लेकिन मन की आन्तरिक शक्तियों को जागृत करने में पूर्ण सफलता नहीं मिलती। मन को तनावमुक्त और शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन अत्यन्त लाभकारी सिद्घ हुआ है।
इससे पहले विषय को स्पष्ट करते हुए ब्रह्माकुमारी चित्रलेखा दीदी ने (Shanti Sarovar) कहा कि राजयोग में सभी योग समाहित हैं। यह सभी योगों का राजा है। क्योंकि इसके द्वारा हम कर्मेन्द्रियों के राजा बन जाते हैं। राजयोग के माध्यम से आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। इस योग से तन और मन दोनों के रोगों को ठीक किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रबुद्घजन उपस्थित थे।