Simple GST : कैट ने जीएसटी में सुधार के लिए रखे 16 अहम सुझाव…! टर्नओवर सीमा बढ़ाने से लेकर ई-वे बिल संशोधन तक का दिया ठोस प्रस्ताव…यहां देखें List
रायपुर, 29 अक्टूबर। Simple GST : देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) मंगलवार को राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक में जीएसटी प्रणाली के सरलीकरण और मौजूदा विसंगतियों को दूर करने के लिए कई अहम सुझाव प्रस्तुत किए। यह बैठक कॉन्फ्रेंस हॉल, नया सर्किट हाउस, सेक्टर-24, नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित हुई।
बैठक में कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य अमर पारवानी, प्रदेश चेयरमेन जितेन्द्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जैन, प्रदेश महामंत्री सुरेन्द्र सिंह एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल उपस्थित रहे।
कैट प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य आयुक्त (कस्टम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं केंद्रीय जीएसटी) श्री पराग चकोर बोरकर और राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेन्द्र कुमार मीणा से मुलाकात कर व्यापार जगत से जुड़े सुझाव प्रस्तुत किए।
कैट के प्रमुख सुझाव
- एचएसएन कोड का मानकीकरण।
- कम्पोजीशन डीलर की टर्नओवर सीमा बढ़ाई जाए।
- सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अग्रिम राशि पर जीएसटी दायित्व समाप्त किया जाए।
- जीएसटीआर-3बी में संशोधन की सुविधा दी जाए।
- जीएसटीआर-9 (वार्षिक रिटर्न) में सुधार की व्यवस्था हो।
- जीएसटीआर-2बी के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट को मान्यता दी जाए।
- नियम 86बी में इनपुट टैक्स क्रेडिट की सीमा 99 प्रतिशत तक सीमित न रखी जाए।
- प्रारंभिक वर्षों से छूटा हुआ इनपुट टैक्स क्रेडिट स्वीकृत किया जाए।
- विलंबित अपील और लंबित रिटर्न के लिए एम्नेस्टी योजना लाई जाए।
- अंतर्राज्यीय माल रोकने से संबंधित अपील प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
- मल्टी-ट्रेडर ट्रक रोकने की समस्या का समाधान किया जाए।
- ई-इन्वॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट टैक्स क्रेडिट अनिवार्य रूप से मिले।
- ई-वे बिल जनरेशन पर लगे प्रतिबंधों में सुधार किया जाए।
- धारा 149 (जीएसटी अनुपालन रेटिंग) का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए।
- धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को भी शामिल किया जाए।
- धारा 16(2) के तहत खरीददार-विक्रेता भुगतान शर्त को हटाया जाए।
अमर पारवानी ने कहा, व्यापार जगत जीएसटी की जटिलताओं से जूझ रहा है। हमारा उद्देश्य कर प्रणाली को पारदर्शी और सरल बनाना है ताकि छोटे और मध्यम व्यापारी राहत महसूस कर सकें। सरकार को हमारे सुझावों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।



