छत्तीसगढ

डॉ. रमन सिंह ने पद-पॉवर-पैसा-प्रतिष्ठा का सपना दिखाकर ठगा, बहुत दुखी होकर आया हूं मीडिया के समक्ष: मंतूराम पवार

अपने 6 प्रत्याशियों के साथ लेकर रायपुर प्रेस क्लब पहुंचकर किया खुलासा

अंतागढ़ टेप कांड मुद्दा शुरू से ही राजनीतिक रहा और अब जैसे-जैसे दंतेवाड़ा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे इसके कई रहस्यों को स्वयं मंतूराम पावर उजागर करते नजर आ रहे है। इसी मामले को लेकर मंतूराम  ने एक ओर कड़ी का खुलासा गुरूवार को किया। दरअसल, वे प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि अंतागढ़ चुनाव में मुझे रमन सिंह ने बुरी तरह ठग लिया। रूपए लेन-देन के पूर्व उन्होंने मुझे पद, पॉवर, पैसा व प्रतिष्ठा देने का वादा करके कुछ भी नहीं दिया। बीजेपी के इस व्यवहार से मेरा दिल आहत है। न तो मुझे टिकट मिली न ही सत्ता। इतना ही नहीं नाम वापस न लेने पर मुझे एनकाउंटर करने की भी धमकी दी गई थी। उन्होंने कहा कि बहुंत दुखी होकर वे मीडिया के सामने आए हैं।

एक करोड़ देने का किया वादा भी नहीं निभाया

प्रेस कांफ्रेंस के दौरानन मंतूराम अपने छह प्रत्याशियों को साथ लेकर रायपुर प्रेस क्लब पहुंचे थे। जहां उन्होंने मीडिया को बताया कि उपचुनाव में उनको लेकर सात प्रत्याशि थे, जिसमें 6 को एक-एक करोड़ रुपए देने का वादा डॉ. रमन सिंह की ओर से ओपी गुप्ता ने किया था, लेकिन रुपए नहीं दिया। इन प्रत्याशियों में भोजराज नाग, देवनाथ, चुरेद्र कुमार, महादेव उसेंडी को 50-50 हजार, शंकरलाल नेताम को 40 हजार और वीरेंद्र को 60 हजार रुपए दिया गया। मंतुराम पवार के अनुसार इन्हें उपचुनाव से अपना नाम वापिस लेने के लिए धमकी दिया कि, तुम कभी भी दुर्घटना के शिकार हो सकते हो। मंतूराम ने आगे बताया कि उन्हें उनके परिवार की चिंता थी। जिसके चलते उन्होंने डर से नामांकन से अपना नाम वापिस ले लिया। उन्होंने जानकारी दी कि सभी छह प्रत्याशियों ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्ज कराया है। इनमें रमन सिंह, अजीत जोगी, अमन सिंह और राजेश मूणत के नाम धमतरी थाने में 18 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई गई है। मंतूराम ने कहा कि रमन सिंह ने मेरे साथ, आदिवासियों के साथ धोखा किया है, इसलिए दंतेवाड़ा की जनता से अपील करता हूं कि वह बीजेपी को परास्त करें।

अंतागढ़ टेपकांड में मंतूराम को बनाया मोहरा

मंतूराम ने कहा कि अंतागढ़ कांड में मुझे मोहरा बनाया गया। बीजेपी ने मेरा अपमान किया। पहले पैसों का लालच दिया गया। बाद में जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। मंतूराम ने कहा कि मैं आज भी दबाव में हूं। अजीत जोगी और रमन सिंह ने मुझे इस कांड में मुझे फंसाया है। मंतूराम ने कहा कि भाजपा ज्वाइन करने के महीनों बाद भी जब निगम-मंडल में नियुक्ति नहीं दी गई तब वो अजीत जोगी से मिले। उन्होंने कहा कि आपने जो बातें कही थी वो अब तक पूरा नहीं हो पाया है। आप रमन सिंह से बात करिए। डॉ. रमन सिंह से मैं बंद कमरे में मिला और बातें की। मैंने उन्हें कहा, मुझे पद कब मिलेगा। दिन-प्रतिदिन पूर्व सीएम ने मुझे आश्वासन देते रहा कि जल्द मिलेगा। न रुपए मिला, न केबिनेट में पद दिया, न विधानसभा और न ही लोकसभा में टिकट दिया गया, उल्टे विक्रम उसेंडी को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर मेरे साथ छल किया गया, इसलिए मैं विवश हो गया था। मंतूराम ने कहा, मैं जब रमन सिंह से मिला तब हमारी चर्चा के बीच पुनीत गुप्ता वहां आए थे। उस दौरान वे डॉक्टर का एप्रेन पहने थे। रमन सिंह ने पुनीत से मेरा परिचय भी कराया था। तब मैंने रमन सिंह से पूछा था कि अब मेरा क्या होगा, तब उन्होंने कहा था कि चिंता मत करो, मैंने जो कहा है वो सब पूरा होगा। पुनीत, राजेश मूणत के साथ मिलकर ये सारे काम करवा देगा।

मैं वॉइस सैंपल देने के लिए तैयार

मंतूराम ने कहा कि हम जांच चाहते हैं। चाहें फिर केंद्र स्तर की ही कोई संस्था इसकी जांच करे। मंतूराम ने कहा कि मैं वाइस सैंपल देने के लिए तैयार हूं। रमन सिंह, अजीत जोगी, अमित जोगी क्यों नही वॉइस सैंपल दे रहे हैं, यदि इन्होंने वाॉइस सैंपल दिया तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
मुझे बेचने वाला अजीत जोगी तो खरीदने वाल रमन सिंह
मंतूराम पवार ने आरोप लगाया कि मुझे बेचने वाला अजीत जोगी और खरीदने वाला रमन सिंह थे। रमन सिंह हमेशा कहते थे कि मैं तो 7 करोड़ दे चुका हूं, तुम्हे नहीं मिला तो गया कहां। बीजेपी के लोग ही कहते थे कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने मंतूराम को खरीदा है। मुझे दादागिरी कर के पार्टी से बाहर निकाला गया। रमन सिंह दोषी थे, मुझे बीजेपी से बाहर किया गया।

यह है मामला

बता दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई अंतागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा था। उपचुनाव में कांग्रेस ने मंतूराम पवार को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन मंतूराम पवार ने ऐन वक्त पर अपना नाम वापस ले लिया। जब कांग्रेस दूसरा प्रत्याशी खड़ा नहीं कर सकती थी। मंतूराम के अलावा 7 अन्य प्रत्याशियों ने भी नाम वापस ले लिया था। इससे चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को एक तरह से वॉक ओवर मिल गया। चुनाव के बाद एक आडियो वायरल हुआ। जिसमें नाम वापसी के लिए प्रत्याशियों की खरीद फरोख्त होने का हवाला था। आडियो में कथित तौर पर अमित जोगी, मंतूराम पवार, डॉ. पुनीत गुप्ता, अजीत जोगी की आवाज बताई गई। इसी मामले में कांग्रेस की सरकार राज्य में बनने के बाद नये सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जिसके बाद से ही एक के बाद एक खुलासे मंतूराम पावर कर रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button