छत्तीसगढराज्य

Suspended IPS : निलंबित मुकेश गुप्ता को झटका, हाईकोर्ट ने प्रमोशन नहीं देने के फैसले को सही माना

बिलासपुर, 29 सितंबर। Suspended IPS : छत्तीसगढ़ के चर्चित आईपीएस मुकेश गुप्ता को हाईकोर्ट से झटका लगा है। प्रमोशन मामले में शासन की याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने कैट जबलपुर और सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस दीपक तिवारी की डिवीजन बेंच ने आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन आदेश निरस्त करने के राज्य शासन के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने कैट से आईपीएस को दी गई राहत के आदेश को भी निरस्त कर दिया है। मुकेश गुप्ता अब बतौर एडीजी ही सेवानिवृत्त होंगे।

CAT और सिंगल बेंच के आदेश को पलटा

आईपीएस मुकेश गुप्ता ने राज्य शासन के आदेश (Suspended IPS) के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण (CAT) में केस लगाया था। कैट ने उनके पक्ष में आदेश दिया और शासन के प्रमोशन निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। राज्य शासन ने कैट के फैसले को अवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मुकेश गुप्ता के पक्ष में आदेश दिया और कैट के फैसले को सही ठहराया था। राज्य शासन ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच को अपील की थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था। जिस पर बुधवार का फैसला आया है। मुकेश गुप्ता इसी महीने 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वे 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस हैं। 

22 अगस्त से शुरू हुई थी अंतिम बहस

साल 2018 में आईपीएस मुकेश गुप्ता का प्रमोशन (Suspended IPS) एडीजी से डीजी के तौर पर हुआ था। 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया। राज्य शासन के इस निर्णय को चुनौती देते हुए आईपीएस ने कैट में याचिका लगाई थी। कैट ने सुनवाई के बाद मुकेश गुप्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए पदस्थापना का आदेश सुनाया था। राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के बाद 4 जुलाई को हाईकोर्ट ने कैट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट में 22 अगस्त से इस पर अंतिम बहस शुरू हुई थी।

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