छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में डबल 36 दीपों से जगमगाया…

रायपुर, 15 नवंबर। कोरोना काल में भी दीपावली का पर्व देशभर में हर्ष उल्लास से मनाया गया। एक ओर राम की जन्मभूमि अयोध्या प्रकाश और दियों से जगमग रही है, तो वहीं दूसरी ओर राम के ननिहाल चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर में 3636 दीए जलाकर दीपावली का पर्व मनाया गया। राज्य स्थापना दिवस के बाद पहली बार ऐसा मौका था जब चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर में उत्साह के साथ दिवाली का त्योहार मनाया गया।

हमार राम समिति के संयोजक मंडल में शामिल आरपी सिंह ने बताया कि 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाई जाती है। इस पावन अवसर पर चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर प्रांगण में 3636 दिए जलाए गए हैं। इसके पीछे छत्तीसगढ़ के छत्तीस गढ़ों की परिकल्पना भी है। प्रत्येक गढ़ के प्रतिनिधित्व के तौर पर 101 दिए जलाए गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए 36 दीप

माता कौशल्या के मंदिर में उत्साह
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माता कौशल्या के मंदिर में 36 दीयों का दान किया। उनकी ओर से गोबर से बने 36 दीप समिति के लोगों को दिए गए हैं। दिवाली के मौके पर माता कौशल्या के मंदिर पहुंचकर हमार राम समिति के संयोजक महंत रामसुंदर दास, आरपी सिंह, विनोद तिवारी ने पूजा अर्चना की और उसके बाद पूरे परिसर में दीप जलाए गए।
राम वन गमन पथ का निर्माण

जगमगाया चंदखुरी स्थित माता कौशल्या का मंदिर
छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ का निर्माण करने जा रही है। रायपुर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या के मंदिर को विकसित किया जाएगा। जिसमें मंदिर के आस-पास सुंदरीकरण किया जाएगा। सरकार ने इस मंदिर के 26 एकड़ के परिसर को नए सिरे से सजाने का काम शुरू किया है। इसके लिए 17 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। 1 दिन पूर्व ही मुख्य सचिव आरपी मंडल चंदखुरी गए थे। साथ ही वहां के कार्य की समीक्षा के दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और हमर राम समिति के संयोजक महंत रामसुंदर दास ने बताया हमर राम समिति दिवाली के पावन अवसर पर माता कौशल्या के जन्म भूमि चंदखुरी में 3636 दीए प्रज्जवलित किए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतीक स्वरूप गाय के गोबर से बने 36 दीप भेंट किए थे।