छत्तीसगढ

सेवानिवृत्ति तिथि से तीन माह पहले GPF का अंतिम भुगतान के आदेश…पर जानकारी के अभाव में होती है देरी: राजेश चटर्जी

रायपुर, 25 जुलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग से 22 जून 2020 को जारी आदेश द्वारा छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि नियम में संशोधन किया है। आदेश में कहा गया है कि, सेवानिवृत्ति तिथि से 3 माह पूर्व कार्यालय प्रमुख सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी के जी पी एफ खाते में जमा राशि के अंतिम भुगतान के क्लेम को ऑनलाइन महालेखाकार को भेज देंगे। साथ ही, समस्त दस्तावेजों को भी भौतिक रूप से रायपुर स्थित महालेखाकार कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। जी पी एफ खाता धारक के असामयिक मृत्यु, सेवा से त्यागपत्र, सेवा समाप्ति या हटाये जाने के स्थिति में सामान्य भविष्य निधि (जी पी एफ) का अंतिम भुगतान प्रकरण एक माह के भीतर महालेखाकार को प्रस्तुत करना होगा। उल्लेखनीय है कि, कार्यालयों में प्रभावितों के जी पी एफ खाते में जमा राशि के भुगतान के मामलों में व्याप्त भर्राशाही के मद्देनजर राज्य शासन ने समय सीमा युक्त आदेश जारी किया है।
उन्होंने बताया कि जारी हुए आदेश में सामान्य भविष्य निधि अंतिम भुगतान प्रकरण को महालेखाकार को ऑनलाइन भेजने एवं दस्तावेज भौतिक रूप से प्रस्तुत होने के 1 माह के भीतर महालेखाकार कार्यालय को डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त ई-सामान्य भविष्य निधि प्राधिकार पत्र जारी करना है। सामान्य भविष्य निधि अंतिम भुगतान को समय पर महालेखाकार को भेजने की जवाबदेही कार्यालय प्रमुख की होगी।भुगतान प्रकरण में महालेखाकार द्वारा आपत्ति का निराकरण कार्यालय प्रमुख द्वारा 15 दिवस के भीतर करना होगा।
उन्होंने जानकारी दिया है कि ई-सा.भ. नि. प्राधिकार पत्र ऑनलाइन प्राप्त होने के पश्चात कार्यालय प्रमुख ई -बिल सॉफ्टवेयर में देयक तैयार कर महालेखाकार कार्यालय से प्राप्त पत्र अनुसार 7 कार्य दिवस के भीतर कोषालय में देयक को प्रस्तुत करना होगा।अभिदाता के खाते में जमा राशि नियम 29,30 या 31 के अधीन देय होने की स्थिति में लेखाधिकारी को,उप नियम -3 अनुसार जमा राशि के त्वरित भुगतान हेतु अधिकृत करना होगा।
पदाधिकारियों का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद, जी पी एफ खाते में अपने खून-पसीने की कमाई से बचत के जमा पूंजी को निकालने के लिए कार्यालयों में चक्कर लगाना पड़ता है। आदेश के जानकारी के अभाव में जबरदस्त आर्थिक शोषण होता है। देयक में आपत्ति होने के बहाने कार्यालयों में अंतिम भुगतान के एवज में मोटी रकम की माँग की जाती है। उन्होंने उम्मीद जताया है कि शासन के द्वारा समय सीमा युक्त आदेश से सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों सहित अन्य के क्लेम का निराकरण त्वरित होगा।

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