छत्तीसगढ

Temperature : आसमान में छाए हल्के बादल, दिन का तापमान बढ़ा…रात हुई ठंड

रायपुर, 6 अक्टूबर। जून से शुरू हुआ मानसून का मौसम 30 सितंबर को आधिकारिक रूप से खत्म तो हो गया, लेकिन लौटा नहीं है। राजस्थान में मानसून के पीछे हटने का अनुकूल माहौल बना हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि जल्दी ही मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। इस बीच बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी ने बरसात की संभावना बनाए रखी है।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है। इसके प्रभाव से प्रदेश में बहुत अधिक नमी बनी हुई है। बुधवार को प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ गरज चमक के साथ छीटें पडऩे की संभावना है।

प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ बिजली गिरने की भी संभावना बन रही है। बताया जा रहा है, मौसम की यह परिस्थिति कुछ और दिन बनी रह सकती है।

प्रदेश में एक जून से 30 सितम्बर तक 1108 मिली मीटर औसत बरसात दर्ज हुई है। इन चार महीनों में प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 1142 मिली मीटर मानी जाती है। इस मान से इस बार की बरसात सामान्य से 3 प्रतिशत कम है।

प्रदेश के 4 जिले सरगुजा, जसपुर, रायगढ़ और कांकेर जिले में सामान्य से कम बरसात है। बाकी सभी जिलों में 19 प्रतिशत अधिक या 19 प्रतिशत कम के बीच रहे हैं। इसे सामान्य माना जाता है। प्रदेश में कुल वर्षा के दिनों की औसत संख्या 56.04 दिन रहा। सोमवार और मंगलवार को भी कई जिलों में हल्की से मध्यम बरसात हुई है।

मौसम विभाग के मुताबिक जून के महीने में सामान्य वर्षा 193.5 मिली मीटर है, जबकि प्रदेश में 244.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। यह सामान्य से 26 प्रतिशत अधिक रहा। इस अवधि में 21 जिले अधिक एक्सेस तथा 6 जिले सामान्य से कम की स्थिति में थे।

जुलाई के महीने तक प्रदेश में 756 मिलीमीटर बरसात हो चुकी थी। सामान्य तौर पर इन दो महीनों में 569 मिमी बरसात होती रही है। अकेले जुलाई में 331.6मिमी वर्षा दर्ज की गई जो कि सामान्य से 83त्न रहा। तब तक 10 जिलों में बरसात सामान्य से अधिक और 17 जिले सामान्य से कम स्थिति में रहे।

अगस्त के महीने में प्रदेश में कुल वर्षा 797.5 मिली मीटर रही। सामान्य तौर पर इस महीने तक 933.2 मिमी बरसात होती रही है। केवल अगस्त महीने में सामान्य वर्षा 364 मिमी होती है, लेकिन इस बार केवल 221.5 मिमी पानी बरसा।

यह सामान्य वर्षा का केवल 60.8 प्रतिशत रहा। अगस्त तक प्रदेश में औसत सामान्य बरसात 15 प्रतिशत कम रही। तब तक 1 जिले हैं एक्सेस, 14 जिले सामान्य तथा 12 जिले सामान्य से कम स्थिति में रहे।

सितंबर के महीने में कुल 310 मिलीमीटर वर्षा हुई है। वहीं सामान्य में 208.9 मिलीमीटर वर्षा होती रही है। जो सामान्य से 48.5 प्रतिशत अधिक रहा। इस अवधि में 25 जिले सामान्य तथा 2 जिले सामान्य से कम वर्षा की स्थिति बने रहे। सितंबर के अंत तक केवल चार जिले सामान्य से कम की स्थिति में रहे।

इन लक्षणों के साथ विदा होती है मानसून

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मानसून की विदाई के लिए तीन परिस्थितियां जरूरी हैं। पहला, राजस्थान के ऊपर एक प्रति चक्रवात बनना चाहिए। दूसरा, उस उपखंड में लगातार 5 दिन तक वर्षा रुकी रहनी चाहिए। तीसरा, वातावरण में नमी के स्तर में सार्थक कमी होनी चाहिए।

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