छत्तीसगढराज्य

Tribal Society : आदिवासी के 12 समुदायों को शामिल करने पर समाज में हर्ष, CM का जताया आभार

रायपुर, 16 सितंबर। Tribal Society : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की केन्द्रीय मण्डल से स्वीकृति मिलने पर आज आदिवासी समाज में उत्साह और हर्ष का माहौल है। आज सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मण्डल ने रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया और उनका अभिनंदन किया।

जाति प्रमाण पत्र के लिए आ रही थी दिक्कतें

मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से (Tribal Society) मिली इस सफलता पर सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मण्डल को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार जाति प्रमाण पत्र बनने से वंचित लोगों की कठिनाईयों के समाधान के लिए लंबे समय से संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ प्रयासरत रही है। विभिन्न आदिवासी समाजों के प्रतिनिधि मण्डलों ने समय-समय पर मुलाकात कर जाति प्रमाण पत्र के लिए आ रही दिक्कतों के बारे में अवगत कराया था।

उनकी कठिनाईयों के निराकरण के लिए केन्द्र सरकार से इस मुद्दे को लेकर लगातार प्रयास किए गए। हमारे विधायकों ने भी प्रयास किए, विभिन्न आदिवासी समाज के प्रतिनिधि भी सक्रिय रहे। छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर मात्रात्मक त्रुटि के कारण कुछ आदिवासी समुदाय को हो रही दिक्क्तों से अवगत कराया गया और उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया गया था।

अनुसूचित जनजाति आयोग को विभिन्न समाजों के माध्यम से जो ज्ञापन मिले, आयोग द्वारा उनकी सुनवाई कर ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया। राज्य सरकार की इस पहल पर छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी है।

शेष बची जातियों को शामिल करने किए जाएंगे प्रयास

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने बताया कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के 22 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति दी गई है। भविष्य में भी शेष बची जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाएंगे।

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव यू.डी. मिन्ज, विधायक के.के. धु्रव, मोहित राम केरकेट्टा, गुलाब कमरो और सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष भारत सिंह, सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मण्डल में शामिल बी.पी.एस. नेताम सहित अनेक पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सदस्य तथा अनुसूचित जनजाति में शामिल विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

यह है 12 समुदाय

भारियाभूमिया (BhariaBhumia) के पर्याय के रूप में भूईंया (Bhuinya), भूईयां (Bhuiyan, भूयां (Bhuyan) Bharia नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया (ठींतपं) के रूप में भारिया (Bharia) का सुधार।
पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो धनवार (Dhanwar) के पर्याय के रूप में धनुहार (Dhanuhar), धनुवार (Dhanuwar)।
गदबा (Gadba Gadaba)
गोंड (Gond) के साथ गोंड़
कौंध (Kondh) के साथ कोंद (Kond)
कोडाकू (Kodaku) के साथ कोड़ाकू (Kodaku)
नगेसिया (Nagesia), नागासिया (Nagasiaaaaa) के पर्याय के रूप में
किसान (Kisan)
धनगढ़ (Dhangad) का परिशोधन धांगड़ (Dhangad) शामिल हैं।

इन जाति समुदायों के छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों (Tribal Society) की सूची में शामिल होने के बाद इन्हें शासन की अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। छात्रवृत्ति, रियायती ऋण, अनुसूचित जनजातियों के बालक-बालिकाओं के छात्रावास की सुविधा के साथ शासकीय सेवा और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

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