छत्तीसगढमनोरंजन

Tribal Writers Kumbh : समृद्ध संस्कृति को जानने का मौका, 19 अप्रैल को CM करेंगे शुभारंभ

रायपुर, 16 अप्रैल। Tribal Writers Kumbh : राजधानी रायपुर में देशभर के जनजातीय साहित्यकारों का कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। पंडित दीनदयाल आडिटोरियम में 19 अप्रैल से आयोजित किए जा रहे।

19 अप्रैल को CM करेंगे शुभारंभ

तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्यकार महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। इस महोत्सव में जनजातीय नृत्य प्रदर्शन और कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसके अलावा पुस्तक मेला, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव में राज्य के विभिन्न अंचलों के जनजातीय समुदाय के प्रबुद्ध व्यक्तियों, समाज प्रमुखों, साहित्यकारों एवं कला मर्मज्ञों को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम (Tribal Writers Kumbh) भी होंगे। इसमें बस्तर बैंड का प्रदर्शन, बाल कलाकार सहदेव नेताम और जनजातीय नृत्य मुख्य आकर्षण होगा। इस आयोजन की प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

पारंपरिक और समकालीन आदिवासियों की स्थिति पर मिलेगी रोचक जानकारी

महोत्सव का उद्देश्य देशभर में पारम्परिक एवं समकालीन जनजातीय साहित्य से परिचय तथा आधुनिक संदर्भ में उनके विकास की स्थिति ज्ञात करना है। साथ ही छत्तीसगढ़ में जनजातीय साहित्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे शोधार्थियों, साहित्यकारों, रचनाकारों को मंच प्रदान कर जनजातीय साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करना है। जनजातीय साहित्य से संबंधित विभिन्न विषयों के स्थापित एवं नवोदित साहित्यकारों को आमंत्रित कर जनजातीय परम्परा में साहित्य तथा वर्तमान स्थिति, जनजातीय कथाएं, जनजातीय कविताएं, पुरखा साहित्य आदि पर परिचर्चा होगी।

साहित्य महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से जनजातीय विषयों पर लेखन कार्य करने वाले जनजातीय एवं गैरजनजातीय स्थापित एवं विख्यात साहित्यकारों, रचनाकारों, विश्वविद्यालयों के अध्येताओं, शोधार्थियों, विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जा रहा है। शोध पत्रों का प्रकाशन भी किया जाएगा। साहित्य महोत्सव के अंतर्गत कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसके अतिरिक्त हस्तकला के अंतर्गत माटी, बांस, बेलमेटल, काष्ठकला आदि का भी जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा।

समृद्ध संस्कृति को जानने का मौका

इसी प्रकार दीवारों पर, पत्थरों पर विभिन्न प्रकार के जनजातीय सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को दर्शाती चित्रकला भी पाई जाती है, जिससे इसकी समृद्ध संस्कृति का पता चलता है। इस प्रतियोगिता में लगभग 350 प्रतियोगी शामिल होंगे।
महोत्सव में छत्तीसगढ़ के विभिन्न नृत्य विधाओं का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों में किए जाने वाले जनजातीय नृत्य शैला, सरहुल, करमा, सोन्दो, कुडुक, डुंडा, दशहरा करमा, विवाह नृत्य (हुल्की), मड़ई नृत्य, गवरसिंह, गेड़ी, करसाड़, मांदरी, डण्डार आदि नृत्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। महोत्सव में पुस्तक मेले का आयोजन भी किया जा रहा है। पुस्तक स्टालों के लिए ऑडिटोरियम की आंतरिक परिसर की गैलरी में व्यवस्था की गई है। इसके अलावा प्रदर्शन सह विक्रय के 30 स्टॉल लगाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम स्थल (Tribal Writers’ Kumbh) पर छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न हस्तकला बोर्ड एवं माटी कला बोर्ड से स्टॉल लगाए जाएंगे। इन कलाकारों द्वारा निर्मित वस्तुओं एवं सामग्रियों का प्रदर्शन एवं बिक्री की जाएगी। वन विभाग का संजीवनी, वनोपज एवं वन औषधि, जनजातीय चित्रकला की प्रदर्शनी, गढ़कलेवा, बस्तरिहा व्यंजन, आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्रदर्शनी, अंत्याव्यवसायी निगम की विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी, ट्राईफेड आदि के स्टॉल लगाए जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button