छत्तीसगढ

Triple Murder : गुत्थी सुलझी, प्रेम निवेदन ठुकराने पर दी मौत की सजा

सरगुजा, 10 दिसम्बर। जिस हत्या की गूंज सरगुजा सहित प्रदेशभर में रही, पुलिस ने उसे 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया। दरअसल, कल हुई तिहरे हत्याकांड का खुलासा सरगुजा पुलिस ने किया था। पुलिस के मुताबिक इस घटना का मुख्य आरोपी मृतका का वो प्रेमी है, जिसने उसकी लव रिक्वेस्ट ठुकरा दी थी। गुस्साए प्रेमी ने महिला को उसके पूरे परिवार समेत मौत की सजा सुनाई।

पुलिस के मुताबिक आरोपित अरविंद एकतरफा महिला से प्यार करता था। अरविंद ने महिला से कई बार प्रेम अनुरोध स्वीकार करने के लिए कहा, लेकिन महिला ने भी बार-बार मना कर दिया। इस बात को लेकर आरोपित युवक महिला से काफी नाराज था।

आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने एकतरफा प्यार किया था, इसलिए उसने महिला की हत्या कर दी। महिला को मारते वक्त महिला के बच्चे और ससुर ने उसे देख लिया इस कारण आरोपी ने बच्चे और बुजुर्ग की भी जान ले ली।

पुलिस ने आरोपी युवक को धारा 302, 201 भादवी के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक ने मामले में सामिल पुलिस कर्मियों को इनाम देने की घोषणा की है।

पूरा मामला इस प्रकार था

सरगुजा जिले में स्थित थाना उदयपुर के ग्राम लेंगा से दिनांक 9 सितंबर को सुबह पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम लेगा के मेधूराम शिरदार पिता स्व किरूराम सिरदार उम्र 52 वर्ष उसकी बहू कलावती शिरवार पति स्व. भजन सिरदार उम्र 27 वर्ष एवं उसका पोता चंद्रिका शिरवार पिता स्व भजन सिरदार उम्र 10 वर्ष की गला काटकर और चाकू से निर्ममता पूर्वक किसी ने हत्या कर दी है।

सूचना पर तत्काल सरगुजा पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम काबले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवक शुक्ला, एसडीओपी अंबिकापुर अखिलेश कैशिक, थाना प्रभारी उदयपुर अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इस मौके पर पुलिस ने अपने साथ डॉग स्क्वाड एफएसएल की टीम एवं फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट भी ले गए थे।

घटनास्थल में तीनों मृतकों की बॉडी अलग-अलग जगहों पर पड़ी हुई थी जिसमें बच्चे चंद्रिका की बॉडी घर से लगभग 40 मीटर की दूरी पर सड़क पर पड़ी मिली, जिसके गले को धारदार हथियार से काटा गया था एवं शरीर को चाकू से धोपा गया था।

मृतक कलावती को भी चाकू से वार एवं गले को धारदार हथियार से काटा गया था। जिसका शरीर घर के कमरे के दरवाजे के पास पड़ा मिला।

मृतिका के ससुर मेधु राम सिरदार के शरीर में भी कई जगहों पर चाकू से मारने के निशान पाए गए। जिसकी बॉडी घर के बाहर रोड किनारे पड़ी मिली।

घटनास्थल को देखने के बाद तत्काल पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जिसमें सदेहियों से पूछताछ के लिए एक टीम, टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए साइबर की टीम, एफएसएल की टीम एवं परिवार से पूछताछ करने के लिए एक टीम का गठन किया।

सभी को अलग-अलग टास्क दिया गया था। घटनास्थल को देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि संभवत: कोई जानकार आदमी ही इस घटना के पीछे है। अतएव पुलिस इस एंगल पर गांव वालों से पूछताछ करना शुरू कर दी। साथ ही परिवार के सभी रिश्तेदारों से भी पुलिस ने पूछताछ प्रारंभ कर दिया। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि उक्त महिला के घर से कुछ दूरी पर रहने वाला अरविंद सिरदार उर्फ ​​वितना उक्त घटना में शामिल हो सकता है।

पूछताछ करने पर अरविंद ने शुरू में घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार किया, लेकिन जब पुलिस ने कड़ी पूछताछ शुरू की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि मृतका के साथ वह प्रेम संबंध बनाने की इच्छा रखता था। पर महिला बार-बार इनकार किया। इससे नाराज 9 सितंबर की रात लगभग 12 बजे वह कलावती को जान से मारने की नियत से उसके घर पहुंचा।

महिला के द्वारा दरवाजा खोलने के बाद मृतिका खाट पर बैठ गई और आरोपी पर चिल्लाने लगी कि रात को वो उसके घर क्यों आया है। तभी आरोपी अपने पास रखें चाकू से मृतिका पर वार किया। मृतका ने बचने के प्रयास में चाकू उसके बच्चे के पेट में जाकर लगा और उसका बच्चा चिल्लाते हुएघर से बाहर भागा। इस बीच आरोपी मृतिका को मारकर वहां से बाहर निकला, बच्चा कुछ दूर जाकर सड़क पर बेहोश होकर गिर गया था, आरोपी ने बच्चे पर पुन: चाकू से उसकी गर्दन पर वार करते हुए निर्ममता पूर्वक गला काटकर हत्या कर दिया।

दूसरी तरफ बच्चे के चीखने की आवाज सुनकर मृतिका का ससुर मेधू राम अन्य कमरे से बाहर निकल आया। आरोपी ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया। आरोपी ने अपना जुर्म कबुल किया।

आरोपी ने बताया कि घटना में प्रयुक्त चाकू को खेत में छुपा कर रखा है साथ ही महिला का मोबाइल वह अपने साथ ले गया था। घटना के वक्त पहने हुए कपड़े जिसमें खून लगे हुए थे एवं मृतिका के मोबाइल को उसने जला दिया। जले हुए कपड़े एवं मोबाइल को तथा चाकू को आरोपी के निशानदेही पर पुलिस द्वारा जप्त कर लिया गया है।

इन्होंने निभाई अहम भूमिका

संपूर्ण कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम काबले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, एसडीओपी अखिलेश कौशिक, कुलदीप कुजूर, दिलाबाग सिंह, थाना प्रभारी उदयपुर प्रभारी लखनपुर संदीप कौशिक, सहायक उप निरीक्षक अजीत मिश्रा, विनय सिंह, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रधान शत्रुधन सिंह, संतोष गुप्ता, भोज राज पासवान, अजित मिश्रा की भूमिका अहम रही।

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