राष्ट्रीय

Bikaner-Guwahati Express Derailed: बंगाल में बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां पटरी से उतरीं, पांच यात्रियों की मौत; पीएम मोदी ने ममता से की बात

कोलकाता/सिलीगुड़ी, 13 जनवरी। उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी स्थित दोमहनी के पास गुरुवार शाम को पांच बजे के करीब बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी हो गईं। हादसे में चार-पांच बोगी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस ट्रेन हादसे में अब तक पांच यात्रियों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है। अभी भी कई यात्री बोगी के नीचे दबे हुए हैं। जलपाईगुड़ी की डीएम मोमिता गोदरा बसु ने मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि 51 एंबुलेंस राहत-बचाव कार्य में लगी हैं। 40 घायलों को मयनागुड़ी और जलपाईगुड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इधर, हादसे की खबर मिलते स्थानीय प्रशासन, पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए, लेकिन हादसे के तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोई रेलवे अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। वहीं, राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। मौके पर अंधेरा होने के कारण काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, धुपगुड़ी से दमकल कर्मी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। वहीं, बीएसएफ के जवान भी यात्रियों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

राहत और बचाव कार्य जारी

आसपास के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि दुर्घटना के समय ट्रेन की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा थी। युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है। ट्रेन बीकानेर से गुवाहाटी जा रही थी। यह घटना पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के क्षेत्र में हुई है। इस हादसे में कई बोगियां एक-दूसरे से टकराने के साथ एक दूसरे के ऊपर भी चढ़ गई हैं। साथ ही, कई बोगी पलट गईं हैं। अभी रेलवे व जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीन बोगियों में फंसे हुए यात्रियों को निकालना है।

प्रधानमंत्री ने बंगाल की CM से की बात

इधर, इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत कर घटना की जानकारी ली है। वहीं, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घायल यात्रियों को जल्द से जल्द समुचित उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया है। रेलवे समेत जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। वहीं, अंधेरा व घने कोहरे की वजह से राहत व बचाव कार्य में और मुश्किल हो सकती है। एनडीआरएफ की दो टीमों को तैनात किया गया है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में कई बोगियों के पटरी से उतरने के साथ गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस दुर्घटना में लोगों को बचाने के लिए शीघ्र ही पहुंचेंगे। यह जानकारी डीजी एनडीआरएफ अतुल करवाल ने दी। शाम करीब साढ़े पांच बजे करीब 30-35 एंबुलेंस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया। बचाव कार्य लगभग पूरा हो गया है। यह जानकारी भारतीय रेलवे अधिकारी ने दी। ममता ने कहा कि बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे में घायलों को इलाज मिलेगा। डीएम/एसपी/आइजी राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।

रेल मंत्री ने PM से की बात

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैंने पीएम मोदी से बात की है और उन्हें बचाव कार्यों से अवगत कराया है। मैं व्यक्तिगत रूप से त्वरित बचाव कार्यों के लिए स्थिति की निगरानी कर रहा हूं। मैं अभी घटनास्थल के लिए निकल रहा हूं। मौके पर मेडिकल टीम व वरिष्ठ अधिकारी हैं। पीएम मोदी ने भी स्थिति और बचाव अभियान का जायजा लिया। हमारा फोकस रेस्क्यू पर है। अनुग्रह राशि की भी घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और पश्चिम बंगाल में ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।

मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये देगा रेलवे

रेलवे के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से तीन लोगों की मौत हुई है और 20 लोग घायल हुए हैं। मृतकों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।यात्रियों की मानें तो दुर्घटना के समय ट्रेन की गति अधिक थी। इधर, हादसे की खबर मिलते ही रेलवे के आला अधिकारी और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे। राहत बचाव कार्य भी शुरू कर दिया गया है, लेकिन मौके पर अंधेरा होने के कारण काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घायलों को बोगी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

ये हैं हेल्पलाइन नंबर 

गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस 15633 के पटरी से उतरने की उच्च स्तरीय रेलवे सुरक्षा जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही ये रेलवे हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। 03612731622, 03612731623।

jagran josh

गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस 15633 (यूपी) शाम करीब पांच बजे पटरी से उतर गई। इस दुर्घटना में 12 कोच प्रभावित हुए हैं। डीआरएम और एडीआरएम दुर्घटना राहत ट्रेन और मेडिकल वैन के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। एक यात्री ने बताया कि अचानक से झटका लगा और ट्रेन की बोगी पलट गई। ट्रेन के दो-चार डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

jagran josh

गौरतलब है कि इससे पहले भी इस तरह के कई हादसे देश में हो चुके हैं। जिनमें कई लोगों की मौत हो चुकी है।

जानें, बंगाल में कब-कहां हुए बड़े ट्रेन हादसे, कितनों की गई जान

2010 में ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे में 148 यात्रियों की हुई थी मौतः पश्चिम बंगाल में इससे पहले बड़े ट्रेन हादसों की बात करें तो मई 2010 में हावड़ा- मुंबई ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस की राज्य के जंगलमहल क्षेत्र में झाड़ग्राम के सरडीहा में सामने से आ रही मालगाड़ी से टक्कर हो गई थी। इसके बाद एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई थी। साथ ही, लगभग 200 यात्री घायल भी हो गए थे। यह भी आरोप लगा था कि माओवादियों द्वारा जानबूझकर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाए जाने के कारण यह दुर्घटना हुई, क्योंकि जहां यह हादसा हुआ था वह इलाका उस वक्त माओवादी हिंसा की चपेट में था।

सैंथिया ट्रेन हादसे में गई थी 63 यात्रियों की जानः ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे के दो महीने के भीतर ही 19 जुलाई, 2010 को बीरभूम जिले के सैंथिया में भी बड़ा रेल हादसा हो गया था। यहां उत्तरबंग एक्सप्रेस ने रांची जा रही वनांचल एक्सप्रेस में पीछे से टक्कर मार दी थी। हादसे में 63 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 150 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस दुर्घटना का कारण कथित रूप से सिग्नल का उल्लंघन बताया गया था। उस समय ममता बनर्जी ही रेल मंत्री थीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button