छत्तीसगढ

Union Centenary Year : शताब्दी वर्ष में गूंजा राष्ट्रवाद का स्वर…! बागबाहरा में रास्वसं का प्रभावशाली पथ संचलन…अनुशासन और समर्पण बना आकर्षण का केंद्र

बागबाहरा, 15 अक्टूबर। Union Centenary Year : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रास्वसं) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी वर्ष समारोह की श्रृंखला में बागबाहरा मंडल में श्रीविजयादशमी उत्सव और पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संघ की एक सदी की राष्ट्र साधना को समर्पित रहा, साथ ही ‘पंच परिवर्तन’ के भविष्य के संकल्प को बल देता दिखाई दिया।

स्वयंसेवकों का पथ संचलन सरस्वती शिशु मंदिर से प्रारंभ हुआ, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ लौटा। घोष दल की लयबद्ध धुन पर कदमताल करते स्वयंसेवकों के अनुशासित संचलन ने नगर में एकता, शक्ति और संगठन का जीवंत प्रदर्शन किया। संचलन के दौरान नगरवासियों, मातृशक्ति और युवाओं ने छतों व सड़कों से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया, जो संघ के प्रति जनसमर्थन का प्रतीक था।

हिंदू समाज में फूट डालने के कुचक्र से सतर्क रहें

पथ संचलन के बाद शिशु मंदिर प्रांगण में आयोजित बौद्धिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी नैकूराम ठाकुर और सह प्रांत कार्यवाह गोपालराम यादव विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ शस्त्र पूजन और भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पण से हुआ।

अपने विचार प्रकट करते हुए यादव ने कहा कि, भारत भूमि शौर्य, साहस और देशभक्ति की जन्मभूमि रही है। संघ का उद्देश्य किसी के विरोध में नहीं बल्कि हिंदू समाज के हित और भारत माता की सेवा में समर्पित है। उन्होंने आगाह किया कि आज कुछ शक्तियाँ हिंदू समाज में फूट डालने का कुचक्र रच रही हैं, जिससे सावधान रहना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले 99.999% लोग हिंदू हैं, चाहे वे किसी भी पंथ या मत को मानते हों। हिंदू समाज के अंगों को तोड़ने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन संगठन में ही शक्ति है। जब हम संगठित होंगे तभी देश सुरक्षित और शक्तिशाली होगा।

श्री यादव ने संघ को ‘व्यक्ति निर्माण का कारखाना’ बताते हुए कहा कि इससे निकले स्वयंसेवक समाज के हर क्षेत्र में सेवा और परिष्करण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने संघ के आगामी शताब्दी संकल्प ‘पंच परिवर्तन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परिवर्तन राष्ट्र के भविष्य को नई दिशा देंगे।

मुख्य अतिथि ने की संघ की निस्वार्थ सेवा भावना की प्रशंसा

मुख्य अतिथि नैकूराम ठाकुर ने संघ की नि:स्वार्थ सेवा भावना की सराहना की और कहा कि, 1925 में आरंभ हुआ संघ आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है, जो भारत को सेवा, समर्पण और संस्कार की छाया प्रदान कर रहा है। उन्होंने संघ को दुनिया का सर्वव्यापी संगठन बताते हुए इसे समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

बागबाहरा का यह आयोजन न केवल संघ की शताब्दी यात्रा में एक उर्जा और उत्साह का संचारक बना, बल्कि स्थानीय स्तर पर सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण के संकल्पों को मजबूत करने वाला भी सिद्ध हुआ।

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