छत्तीसगढ

SC से जीपी सिंह को मिली बड़ी राहत, नहीं होगी गिरफ्तारी, सरकार को देना है ये जवाब…

रायपुर, 26 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सुनवाई में जांच में सहयोग की बात कही है। आदेश के बाद जीपी सिंह को जीपी सिंह को बड़ी राहत मिली है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने राज्य पुलिस को निलंबित एडीजी गुरजिंदर पाल को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया है। वहीं पीठ ने सिंह को जांच में एजेंसियों के साथ सहयोग करने के भी निर्देश दिए।

वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार बदलने पर राजद्रोह के मामले दायर करना एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है।

सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। राजद्रोह का मामला उन पर दर्ज था। कई बार थाने हाजिर होने नोटिस उनके घर भेजा गया लेकिन जीपी सिंह बयान देने थाने नहीं पहुंचे,जिसके बाद उनके गृह ग्राम बड़बिल में भी पुलिस की टीम गई थी जहां से खाली हाथ लौटी और बड़बिल के तहसीलदार ने भी उनके फरार होने की पुष्टि की थी।

लगातार जांच में अनुपस्थित रहने और सहयोग न करने के कारण माना जा रहा था की जीपी सिंह की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है। जिसके लिए रायपुर पुलिस जीपी सिंह की खोज में पंजाब, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में उनकी खोजबीन कर रही थी। लेकिन इस बीच जीपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां से निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी

पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में यह बहुत परेशान करने वाली प्रवृत्ति है और पुलिस विभाग भी इसके लिए जिम्मेदार है। जब कोई राजनीतिक पार्टी सत्ता में होती है तो पुलिस अधिकारी उस (सत्तारूढ़) पार्टी का पक्ष लेते हैं। फिर जब कोई दूसरी नई पार्टी सत्ता में आती है तो सरकार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करती है। इसे रोकने की आवश्यकता है।

सरकार से मांगा चार सप्ताह में जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्तों के भीतर दो अलग-अलग याचिकाओं पर जवाब देने का भी निर्देश दिया और इस दौरान पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। निलंबित पुलिस अधिकारी की ओर से वरिष्ठ वकील एफ एस नरीमन और विकास सिंह पेश हुए और राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी तथा राकेश द्विवेदी पेश हुए।

माना जा रहा है कोर्ट के आदेश के बाद निलंबित एडीजी को बहुत बड़ी राहत मिली है।

गौरतलब है कि जीपी सिंह के खिलाफ अवैध संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने उनके घर 1 जुलाई को दबिश दी। साथ ही उनके निकट संबंधियों के यहां भी छापामार कार्रवाई की गई थी। छापा के दौरान 10 करोड़ से ज्यादा अवैध रूप से अर्जित चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था। कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले जिसमें सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने का उल्लेख मिला था। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और कोतवाली थाने में राजद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button