छत्तीसगढराज्य

Vanbandhu Parishad : राज्यपाल कार्यक्रम में हुईं शामिल, शिक्षा कार्य की सराहना

रायपुर, 11 सितंबर। Vanbandhu Parishad : राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आज वनबंधु परिषद एवं एकल अभियान द्वारा आयोजित समन्वय वर्ग के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में वनबंधु परिषद् के राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारी तथा समन्वय वर्ग के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

वनवासियों के शिक्षा कार्य की सराहना

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल उइके ने कहा कि वनबंधु परिषद के माध्यम से एकल विद्यालय द्वारा वनवासियों के उत्थान और वनबंधुओं की शिक्षा के लिए जो कार्य किया जा रहा है, वह अत्यंत सराहनीय है। एकल विद्यालयों के संचालन के लिए परिषद् स्थानीय युवाओं को ही तैयार करता है, जो इन क्षेत्रों में शिक्षा के विस्तार के लिए कार्य करते हैं। आगे चलकर यही युवा राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान देते हैं।

राज्यपाल उइके ने कहा कि मैंने राज्यसभा सांसद रहते हुए पांच एकल विद्यालयों को गोद लिया था और विद्यालयों को अधिक बेहतर बनाने की कोशिश का थी। निश्चित ही वन क्षेत्रों में अन्य स्थानों की तुलना में शिक्षा अधिक चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में एकल विद्यालय का कार्य और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, जो शिक्षा, संस्कारवान और स्वावलंबी बनाने के एक ध्येय के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। परिषद् के कार्यकर्ता बिना किसी स्वार्थ के सीमित संसाधनों के बावजूद वनांचल के युवाओं को राष्ट्र निर्माण से जोड़ने का पुनीत कार्य कर रहे हैं।

राज्यपाल ने किया अपना अनुभव साझा

राज्यपाल ने कहा कि इस अभियान की सबसे विशिष्ट बात है कि यह आमजनों के अनुदान से संचालित होता है। छत्तीसगढ़ के वनांचल के प्रत्येक जिले में वनबंधु परिषद् कार्य कर रहा है। संस्थान मानव कल्याण से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, गौ सेवा, सुपोषण, योग और आयुर्वेद जैसी पारंपरिक पद्धतियां, वनवासियों के रीति-रिवाजों का संरक्षण जैसे कार्यों को पूरे निष्ठा और समर्पण से पूरा कर रहा है।

इस दौरान राज्यपाल ने अपना अनुभव साझा करते हुए उपस्थित समन्वय (Vanbandhu Parishad) वर्ग के सदस्यों से कहा कि आप वनवासियों का आत्मविश्वास भी बढ़ायें, समाज प्रमुखों और चालकी मांझी जैसे लागों को भी इससे जोड़ें। वनवासी समाज के मार्गदर्शन में इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। राज्यपाल ने परिषद् के पदाधिकारियों को शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया। राज्यपाल को भी परिषद् के द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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