रायपुर, 13 फ़रवरी। Vyapari Sanvad : कैट CG चैप्टर के ‘व्यापारी संवाद’ का राष्ट्रीय अभियान पूरे माह चलेगा। इस दौरान कैट के अधिकारी सभी बड़े और छोटे व्यवसायियों से बात कर उनकी समस्याओं के बारे में जानेंगे।
इस कड़ी में बीते कल प्लाईवुड ट्रेडर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ टिम्बर व्यापारी संघ, छत्तीसगढ़ प्लाईवुड मैन्युफैक्चर्स एसोसियेशन, रायपुर डोर एसोसियेशन संवाद उनकी समस्याओं से अवगत कराया।
वहीं आज उन्होंने रायपुर होलसेल स्टेशनरी एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन और छत्तीसगढ़ टॉयज सेलर्स एसोसिएशन से संवाद कर व्यवसाय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया। कैट सीजी चैप्टर के कार्यकारी अध्यक्ष परमानंद जैन व प्रदेश महामंत्री सुरिंदर सिंह ने बिंदुवार अपनी (Vyapari Sanvad) समस्याएं बताईं।
बिंदुवार बताईं समस्याएं
स्टेशनरी में जीएसटी दर अलग-अलग है। जिससे व्यापारियों को परेशानी होती है। जीएसटी दर में एक समान होना चाहिए। जिससे व्यापार करने में सुगमता हो। जीएसटी में बहुत जटीलता हैं, जिसका सरलीकरण किया जाना चाहिए।
1 जनवरी 2021 के पूर्व निर्मित खिलौनों के विक्रय एवं भंडारण पर प्रतिबन्ध लगया गया था। जिसे शिथिल करते हुए व्यापारियों पर कार्यवाही न की जाए।
पेपर एवं पेपर बोर्ड से निर्मित उत्पादकों का जीएसटी दर 12 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत है।जिसे घटाकर 12 प्रतिशत किया जाएं।
विक्रेता द्वारा समय पर जीएसटी रिर्टन नहीं भरने पर क्रेता को जीएसटी इनपुट क्रेडिट नहीं मिल पाता हैं जिससे क्रेता के ऊपर ब्याज सहित अतिरिक्त जीएसटी का भार आता है। जिसका समाधान निकालना अति आवश्यक है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने आश्वस्त किया कि व्यापारियों को व्यापार में आ रही समस्याओं को शीघ्र ही संबधित मंत्रालय एवं विभाग को अवगत कराते हुए समस्याओं के निराकरण एवं सुझाव दिया जायेगा।
इस (Vyapari Sanvad) दौरान चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, वाशु माखीजा, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे, सुरिन्द्र सिंह, भरत जैन, नरेश कुमार पाटनी, जयराम कुकरेजा, राकेश अग्रवाल, अवनीत सिंह, गोविन्द चिमनानी, भरत माखीजा, गिरधर छुगानी, रवि हिरवानी, विजय जीवन, पवन मंशानी, घनश्याम माखीजा, मनीष वर्मा, विकास अग्रवाल, कुमार रंगवानी, अजय वाधवानी, सौरभ अग्रवाल, नीरज मेघानी, प्रकाश गर्ग, शिवकुमार रूंगटा एवं शैलेन्द्र सुखीजा आदि।