राष्ट्रीय

West Bengal: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को दी चेतावनी, कहा-मुझे अपनी संवैधानिक शक्तियों के इस्तेमाल के लिए न करें मजबूर

कोलकाता, 17 मई। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की नव निर्वाचित तृणमूल कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी है कि मुझे अपनी संवैधानिक शक्तियों के इस्तेमाल के लिए मजबूर नहीं करेंगे। वैसे भी राज्यपाल का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विवाद कोई नया नहीं है। राज्यपाल के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह राज्य में बदलाव का आह्वान करके अपनी संवैधानिक स्थिति भूल गए। उनकी अपील खारिज कर दी गई, इसलिए बूढ़ा अब स्पष्ट रूप से निराश हैं। राज्यपाल धनखड़ तृणमूल के सत्ता में आने के पिछले तीन दिनों तक हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। उत्तर बंगाल में शीतकूची की उनकी यात्रा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कड़ा एतराज जताया था। राज्पाल को वहां काले झंडे भी दिखाए गए थे। इस पर तृणमूल की ओर कहा गया था कि वहां के लोगों ने धनखड़ को निर्वाचित सरकार की ‘सहायता और सलाह’ पर काम करने के अपने संवैधानिक दायित्वों की याद दिलाई। कूचबिहार के शीतलकूची की यात्रा चुनाव परिणाम आने के बाद हुई हिंसा को लेकर थी। इसके बाद धनखड़ ने असम में अस्थाई शिविरों का दौरा किया, जहां बंगाल के ‘राजनीतिक हिंसा के पीड़ितों’ को आश्रय दिया गया है।

गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा से प्रभावित इलाकों के दौरे के क्रम में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ शनिवार को नंदीग्राम पहुंचे। सुबह बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से नंदीग्राम पहुंचने के बाद राज्यपाल बाइक पर ही बैठकर हिंसा प्रभावित गांवों के लिए निकल पड़े। राज्यपाल कई गांवों में हिंसा पीडि़त परिवारों से मिले। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं ने राज्यपाल को ¨हसा वाली रात की दर्द भरी दास्तां सुनाई। लोगों की आपबीती सुनकर राज्यपाल भावुक हो गए। पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बंगाल कोरोना व हिंसा दोनों के गंभीर संकट से जूझ रहा है। यह ऐसा समय है, जब हम सो नहीं सकते। ममता सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हैं, जहां लोग अपना घर-परिवार छोड़ पलायन को मजबूर हैं, शिविरों में शरण लिए हुए हैं। उन्हें हर तरह के अपमान, हत्या, दुष्कर्म, लूट और जबरन वसूली का सामना करना पड़ रहा है। धनखड़ ने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो ने शीतलकूची की फायरिंग में चार लोगों के मारे जाने की घटना को नरसंहार करार दिया था लेकिन, क्या उन्होंने नंदीग्राम की महिलाओं और बच्चों की चीखें नहीं सुनीं जहां बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। बंगाल की स्थिति देखकर दुख होता है। मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वह पीडि़तों को पुनर्वास, मुआवजा और शांति व्यवस्था बनाने की दिशा में कदम उठाएं। आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। इसके पहले नंदीग्राम पहुंचने पर भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ का स्वागत किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button