अफगानिस्तान से सामने आईं दिल दहला देने वाली तस्वीरें, तालिबान को लेकर दहशत में लोग
काबुल, 17 अगस्त। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही वहां के हालात जिस तरह से सामने आ रहे हैं वो कल्पना से भी परे है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भी इस पर चिंता जताई गई है। यूएन महासचिव का कहना है कि भी को अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे आना चाहिए। गौरतलब है कि सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर जो कुछ दिया उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। वहां पर मौजूद भीड़ के बेकाबू होने के बाद चली गोलियों की वजह से पांच लोग मारे गए। इसके अलावा कुछ लोग टेकआफ कर रहे यूएस एयरफोर्स के विमान ग्लोबल मास्टर पर चढ़ने की कोशिश में मारे गए। कुछ टेकआफ करने के बाद ऊंचाई से जमीन पर गिरने की वजह से भी मारे गए हैं। ये तस्वीरें दिल दहलाने वाली थीं।
एयरपोर्ट पर और काबुल की सड़कों पर मची अफरातफरी इस बात का सीधा सबूत है कि लोग तालिबान से खौफजदा हैं। हालांकि तालिबान लगातार ये कह रहा है कि लोग उसका स्वागत कर रहे हैं और उनके आने से खुश हैं। अफगानिस्तान के टोलो न्यूज की मानें तो काबुल पर कब्जे के कुछ घंटे बाद ही तालिबानियों ने इस मीडिया हाउस के हेडक्वार्टर में घुसकर वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों से सारे हथियार ले लिए थे। 16 अगस्त की दोपहर तक ये मीडिया हाउस तालिबानियों के बंधक में बना रहा था। शाम को टोलो न्यूज ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान तालिबान ने किसी भी कर्मी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही किसी के साथ कोई बदसलूकी ही की।
सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तान से लगती सीमा पर और अफगानी नागरिक पाकिस्तान में घुसने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा ही हाल दूसरे मुल्कों से लगती सीमाओं पर भी देखा जा रहा है। वहीं काबुल एयरपोर्ट पर भी लगातार भीड़ बढ़ ही रही है। काबुल स्थित राष्ट्रपति निवास में तालिबान की मौजूदगी इस बात का जीता जागता सबूत है कि वो औपचारिक रूप से सत्ता पाने के महज कुछ ही कदम की दूरी पर है। इस बीच दोहा में अफगानिस्तान की नई सरकार को लेकर होने वाली बातचीत के लिए भी तालिबानी नेता पहुंच चुके हैं।
इस बीच अफगानिस्तान के मुद्दे पर हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में वहां के ताजा हालातों पर काफी चिंता जताई गई है। सुरक्षा परिषद ने सभी तरफ से शांति की अपील की है और लोगों से भी संयंम बरतने को कहा है। इस मुद्दे पर अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच भी मनमुटाव खुलकर सामने आ गया है। अमेरिका ने जहां अपनी वापसी के फैसले को सही बताया है वहीं अफगानिस्तान के नेताओं का मानना है कि अमेरिका ने ये कदम बिना सोचे समझे उठाया है, जिसकी वजह से हालात खराब हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार देर रात को राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में कहा कि वो कब तक अपने सैनिकों को वहां पर मरने देते। उन्होंने अफगानिस्तान के हालातों के लिए सीधेतौर पर राष्ट्रपति अशरफ गनी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वो पीठ दिखाकर ऐसे समय में काबुल से भाग खड़े हुए जब उनकी वहां पर सबसे अधिक जरूरत थी।