कृषि मेले में सोलर कोल्ड स्टोरेज एवं सोलर ड्रायर होगा मुख्य आकर्षण का केन्द्र
रायपुर। रायपुर जिले के तुलसी बाराडेरा में 23 से 25 फरवरी 2020 तक आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेले में क्रेडा द्वारा परियोजनाओं के जीवंत मॉडल प्रदर्शित किए जा रहे है, जो आकर्षण के केन्द्र होंगे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, क्रेडा श्री आलोक कटियार द्वारा बताया गया है कि कृषि मेले में प्रथम बार सोलर कोल्ड स्टोरेज एवं सोलर ड्रायर के लाईव मॉडल प्रदर्शित किया जाएगा। इन्हें देखने के बाद छत्तीसगढ़ के किसान प्रेरित होंगे।
कृषि मेले में क्रेडा द्वारा सोलर कोल्ड स्टोरेज कृषकों के लिए प्रदर्शन हेतु लगाया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा कृषकों को उनकी उपज का सही संरक्षण कर धनोपार्जन में वृद्धि का सरल समाधान कोल्ड स्टोरेज है। इसका आकार 20 फीट के कंटेनर जितना होता है। (20 गुना 8 गुना 8 गुना फीट) के कोल्ड स्टोरेज में 5 टन तक फल व सब्जी रखी जा सकती है। यह 4.5 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट से संचालित होता है। सौर ऊर्जा ना होने पर भी कोल्ड रूम 24 से 30 घंटे तक बैकअप प्रदान करता है। क्योंकि इसके स्टोरिंग कंटेनर के परतों के भीतर एक रसायनिक तरल पदार्थ थर्मोफ्ल्यूड्स भरा होता है जो दिन के समय ऊर्जा प्राप्त कर वर्फ में परिवर्तित हो जाता है एवं सूर्यास्त अथवा ऊर्जा ना होने पर पिघलता रहता है। जिसके कारण कंटेनर का तापमान 4 से 10 डिग्री एवं आद्रता यथावता बनी रहती है। सरकार द्वारा कोल्ड स्टोरेज पर 4 लाख रूपए अनुदान का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में अभी तक 50 सोलर कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए गए है।
स्टॉल में सोलर ड्रायर को प्रदर्शित किया जा रहा है। सोलर ड्रायर के उपयोग से किसान अपनी सब्जियों को या फलों को संरक्षित कर अपने उपयोग हेतु रख सकते है। सोलर ड्रायर का अनुकुल तापमान 60 डिग्री होने के कारण सब्जियों-बीजों की आर्द्रता पूर्णतः निकल जाती है, जिससे सब्जियों में फफूंद, बैक्टीरिया पैदा नहीं पाते।
क्रेडा द्वारा स्टाल में सोलर जल शुद्धिकरण संयंत्र का मॉडल प्रदर्शित किया जायेगा। ज्यादातर ग्रामों में पेयजल हेतु भू-जल का उपयोग किया जा रहा है। भूमिगत जल में हानिकारक बैक्टीरिया या खनिज कभी-कभी ज्यादा होने से जल पीने के योग्य नहीं होता, ऐसे अशुद्ध जल को सौर जल शुद्धिकरण संयंत्र से शुद्ध कर पीने योग्य किया जाता है। प्रदेश में अभी तक लगभग 280 सौर जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए जा चुके है। शासन की अनुदान नीति अनुसार 3 लाख रूपए प्रति संयंत्र पर अनुदान का प्रावधान है।
क्रेडा द्वारा सौर सुजला योजनांतर्गत कृषकों के खेतों में स्थापित किए जाने वाले सोलर पम्प का वर्किंग मॉडल प्रदर्शित किया जा रहा है। यह योजना छत्तीसगढ़ में बहुत लोकप्रिय हुई है। अभी तक लगभग 60 हजार किसानों के खेतों में सोलर पम्प लगाए जा चुके है तथा सन् 2020 में लगभग 20 हजार सोलर पम्प लगाने हेतु कार्य तेजी से किया जा रहा है। 3 एच.पी. क्षमता का सोलर पम्प अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कृषकों को 7 हजार रूपए, अनुसूचित पिछड़ा वर्ग को 12 हजार रूपए, सामान्य वर्ग को 18 हजार रूपए में 5 वर्ष के मेन्टेनेंस के साथ लगाकर दिया जा रहा है। सोलर पम्प स्थापना में छत्तीसगढ़ प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है।
क्रेडा स्टॉल में बायोगैस का जीवंत मॉडल प्रदर्शित किया जा रहा है। शासन की महत्वपूर्ण योजना, नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजनांतर्गत कृषकों के यहां बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जा रहे है। सरकार द्वारा बायोगैस संयंत्र के निर्माण पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति किसानों को 22 हजार रूपए, सामान्य वर्ग को 21 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में बन रहे गौठानों में भी बायोगैस संयंत्र के निर्माण का कार्य प्राथमिकता में किया जा रहा है। गोबर गैस संयंत्र से हमें उत्तम क्षमता की खाद के साथ खाना बनाने हेतु गैस प्राप्त होती है। प्रदेश में अभी तक क्रेडा द्वारा 57 हजार 700 बायोगैस प्लांट स्थापित किए जा चुके है।