छत्तीसगढ

कोरोना ने इस वर्ष मंत्री-अफसरों की रोकी यात्रा का सफर: सरकारी खजाने में बचे 100 करोड़

रायपुर, 16 मार्च। काेराेना की वजह से पिछले साल राज्य के राजस्व में कमी आई है, लेकिन मंत्री-अफसरों की देश-विदेश यात्राएं और तबादले नहीं होने की वजह से 100 करोड़ से ज्यादा की बचत भी हुई है। प्रदेशभर में मंत्रालय से लेकर जिलों में प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी तक के तबादलों में सरकार हर साल करीब 65 करोड़ खर्च करती है।

कोरोना की वजह से पिछले साल तबादलों पर बैन था, इस वजह से 65 करोड़ रुपए की शुद्ध बचत हुई है। फिलहाल कोरोना की स्थिति बनी हुई है, इसलिए विदेश यात्राओं पर अघोषित रोक लगी हुई है। पिछले साल मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में कोरोना का पहला केस सामने आया। इसके बाद राज्य सरकार ने एक-एक कर कई कड़े फैसले लिए। इसके अंतर्गत देश-विदेश यात्राओं पर रोक लगा दी गई। फिजिकल के बजाय वर्चुअल बैठकें होने लगीं।

पिछले साल एनआईसी के माध्यम से 2237 वर्चुअल बैठकें हुई हैं। इसमें कैबिनेट से लेकर मंत्रियों द्वारा विभाग की, मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ केंद्र सरकार के अफसरों के साथ बैठकें शामिल हैं। पहले इन बैठकों में राज्य के अफसर दिल्ली जाया करते थे, जिस पर बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती थी। कोरोना की वजह से कई देशों के साथ राज्यों ने विकास की योजनाओं के संबंध में कांफ्रेंस और स्टडी टूर रद्द कर दिए। इनमें मंत्रियों और अफसरों को बुलाया जाता था।

सामान्य प्रशासन व वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक सालभर में छत्तीसगढ़ से सभी मंत्री और अफसर एक से दो देशों की यात्राएं करते रहे हैं। इसका पूरा खर्च सरकारी खजाने से होता रहा है। विधानसभा के विभिन्न सत्रों में दी जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इस पर करीब 30 से 35 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इस साल इसमें पूरी बचत हुई है।

इस तरह बचाई राशि

2020-21 का बजट – 1 लाख करोड़
स्थापना व्यय – 40 हजार करोड़
देश-विदेश यात्राएं – 30-35 करोड़
तबादलों पर खर्च – 65 करोड़

समन्वय से ही होते रहे जरूरी तबादले
हर साल मई-जून में बड़े पैमाने पर तबादले होते रहे हैं। अधिकारी-कर्मचारियों को ट्रांसपोर्टेशन का खर्च देना होता है। सालभर में दस हजार अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले होते हैं। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 65 से 90 करोड़ का प्रावधान रखा जाता है। इस राशि से ही ट्रांसपोर्टेशन का भत्ता दिया जाता है। कोरोना की वजह से तबादलों पर बैन रहा। वित्त विभाग के अपर सचिव सतीश पांडेय ने बताया कि तबादलों पर खर्च होने वाली राशि की बचत हुई है। सीएम की विशेष अनुमति पर ही सिर्फ जरूरी तबादले किए गए हैं।

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