बृजमोहन अग्रवाल ने तीरथगढ़ जलप्रताप की प्रतिकृति व गौरव वाटिका तोड़ने की निंदा की
• शांति नगर काॅलोनी को बेचना उचित नही।
• सप्रेशाला मैदान, दानी स्कूल, महिला कामकाजी छात्रावास, महिला बाल विकास का कार्यालय सहित अनेक भवनो को तोड़ना शासकीय धन का दुरूपयोग।
रायपुर, 5 जुलाई। विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रात के अंधेरे में तीरथगढ़ जलप्रपात की प्रतिकृति व गौरव वाटिका को तोड़े जाने की तीखी शब्दो में निंदा करते हुए कहा है कि यह सरकार कोई काम तो नही कर पा रही है पर शहर के विकास व जनता के उपयोग के लिए जनता के उपयोग के लिए बनाये गए एक चीजों को क्रमशः बर्बाद कर रही है और शहर को क्रांकीट के जंगल में तब्दील कर रही है। आज दिनभर गौरव गार्डन के चार दिवारी का रंग रोगन किया रहा था, यदि तोड़ना होता तो पैसे की बर्बादी क्यों?
उन्होंने शहर के मध्य स्थित शांतिनगर सिंचाई काॅलोनी को तोड़कर उसके व्यवासायिक उपयोग के निर्णय पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि शहर के बीच एक खुली जगह है, एक खुली हरी-भरी पर्यावरण से परिपूर्ण काॅलोनी है, जिसे नष्ट कर कांक्रीट का जंगल तैयार कर बेचने पर तुली हुई है। जिस हाउसिंग बोर्ड को यह जमीन देकर बेचने का प्रयास हो रहा है वही हाऊसिंग बोर्ड रायपुर शहर में अपनी बनाई हुई 10 हजार से अधिक मकान को नही बेच पायी है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि शांतिनगर योजना का व्यावसायिक उपयोग का अभी लेआउट नही बना है, कार्य योजना सामने नही आई है, कोई बजट नही, कोई टेंडर नही, वहाँ पर रह रहे 383 परिवार (शासकीय कर्मचारियों) को कही व्यवस्थापन के तहत रहने आवास नही उनकी कोई योजना नही परन्तु प्रशासन बलपूर्वक रात के अंधेरे में वहाँ तोड़फोड़ कर रहा है।
गौरव पथ पर बनाए गए, तीरगढ़ जलप्रताप की प्र्रतिकृति (झरने) व गार्डन गौरव वाटिका को आनन फानन मे तोड़कर वहाँ पर रह रहे लोगो के मन में तोड़ फोड़ का दहशत पैदा किया जा रहा है, वही लाखों खर्च कर तैयार किए गए झरने व गार्डन को तोड़ना सीधा-सीधा जनता के धन का दुरूपयोग भी है। जरा बताये कि तीरथगढ़ जल प्रपात या गौरव-गार्डन शहर के सुंदरता व नए काॅलोनी के निर्माण में कहा पर बाधा पैदा कर रहा था। उसके बने रहने पर किसी को कहाँ पर दिक्कत थी।
श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन व अधिकारी बेलगाम हो गए है, प्रशासन पर शासन का नियंत्रण नही है। शहर सुंदरता व जनउपयोग के लिए बनए गए एक-एक चीज को क्रमशः नष्ट किया जा रहा है। सप्रेशाला का मैदान मंे, बनाए गए हेल्दी हार्ट, ट्रेक व गार्डन जो करोड़ खर्च कर बना था को पहले तोड़ा, फिर दानी स्कूल की प्रयोगशाला कक्ष व कमरो में तोड़फोड़, बूढ़ातालाब के सोलर हाउस जो सुंदरलाल पटवा के शासन काल में बनी थी, सुरक्षित जहाँ पर प्रदेशभर की कामकाजी महिलाएं निवास करती थी व सोलर लाईट को तोड़फोड़ फिर कलेक्टोरेट के अंदर बने शासकीय कामकाजी महिला हॉस्टल व महिला बाल विकास विभाग के कार्यालय सहित अनेक कार्यालयों में तोड़फोड़ कर शासकीय धन का जो खुला दुरूपयोग किया जा रहा है व चिंतनीय है।
श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि रायपुर शहर में अधिकारियों द्वारा की जा रही मनमानी व एक-एक कर शासकीय सम्पत्तियों को तोड़फोड़ की कार्यवाही को रोकी जानी चाहिए। शहर में विकास के लिए जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कर नए सिरे से विकास कार्यो को अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए। पुराने बने हुए विकास कार्यो के नष्ट करना व नए कोई का अता पता नही। शहर की जनता के लिए बनाए गए विकास कार्यो को तोड़कर निर्माण कही से भी उचित नही है। विकास की कीमत पर विनाश उचित नही है।