मेरे घर आई एक नन्ही परी,जन्मोत्सव पर माँ को मिला सम्मान, 101बेटियों की किलकारी से गूंज उठा वृंदावन
रायपुर। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत बेटी के जन्म को प्रोत्साहित करने नवसृजन मंच ने किया आयोजन*
बेटियां मांन है अभिमान है बेटियां पावन कथाएं है बेटियां पावन दुआएं है बेटियां गरुग्रन्थ की वाणी है तो बेटियां वैदिक ऋचाये है अजहर हाशमी की यह रचना प्रासंगिक ही नही कालजयी भी है कहते है आप घर मे तुलसी के कितने भी पौधे लगा लो लेकिन घर मे रौनक तभी आएगी जब बेटी की किलकारी गूंजेगी आज भी देश मे कई परिवार ऐसे है जिनके यहां बेटी के जन्म को अभिशाप माना जाता है ये मानसिकता बन गई कि आज भी लोग भेदभाव की दुनिया मे जी रहे है
इन्ही सन्दर्भो को लेकर शुक्रवार को वृंदावन हाल में सामाजिक संस्था नवसृजन मंच द्वारा बिटिया जन्मोत्सव का आयोजन किया गया पिछले 6 माह के अंदर ऐसे परिवार जिनके घरों में बिटिया ने जन्म लिया उन 101 परिवारों का सम्मान संस्था नवसृजन मंच द्वारा किया गया साथ ही नवजात बालिका और माता को इस दौरान किस तरह के पोषण की आवश्यकता होती है।
इसकी भी जानकारी कार्यक्रम के दौरान दी गई
संस्था नवसृजन मंच के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबडा ने बताया की कार्यक्रम का मकसद बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना उनके जन्म को लेकर जो समाज मे धारणा है उन्हें बदलना है संस्था पिछले 2 वर्षों से यह आयोजन करती आ रही है प्रत्येक 3 माह में एक बड़ा आयोजन और नवरात्र में विशेष आयोजन कर संस्था बेटियों के माता पिता का सम्मान करती है साथ ही बीच बीच मे जानकारी होने पर जिन घरों में बेटियों ने जन्म लिया उनके घरों में भी जाकर बेटियों के माता पिता का सम्मान करती है कार्यक्रम में की महापौर चंद्रकांता मांडले रही कार्यक्रम में बेटियों के माता पिता को गिफ्ट पैक बेबी किट दिया गया जिसमें बेटी के लालन पालन की प्रारंभिक चीज जैसे फ्रॉक खिलौने पावडर बिछौना चूड़ी सहित अन्य सामग्री दी गई व माता पिता को सम्मान पत्र दिया गया कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी प्रमिला शर्मा द्वारा सेनेटरी पेड के प्रति जागरूकता लाने ग्रामीण अंचल की महिलाओं को जानकारी दी गई व उनके बीच मुफ्त सेनेटरी पेड का वितरण भी किया गया नव सृजन मंच द्वारा बिटिया जन्मोत्सव के साथ ही समाज मे अलग अलग क्षेत्रो में कार्य करने वाली 9 महिलाओं का भी सम्मान नारी शक्ति सम्मान देकर किया गया जिनमे मुख्यतः अंतरा गोवर्धन जिन्होंने अब तक 39 बार रक्त दान कर एक रिकॉर्ड बनाया डॉ रंजना मेहरा जिन्होंने अपने पति के निधन के बाद छग नेत्र चिकित्सालय की जिम्मेवारी संभाली और आज छग नेत्र चिकित्सालय पूरे प्रदेश में सेवाभाव का एक केंद्र बना हुआ है बरिहा थर्ड जेंडर जिसने निर्धन परिवार में जन्म लेकर अपने शारीरिक अंतर को थर्ड जेंडर के रूप के एक पहचान दी और ऐसे सैकड़ो थर्ड जेंडर के लिए स्वयम को समर्पित भी किया ऐसे 9 विभूतियों को सम्मानित किया गया।