वक्फ बोर्ड को माली नुक्सान पहुंचाने वालों पर होगी सख्त कार्यवाई: सलाम रिजवी
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के चेयरमेन सलाम रिजवी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किये। श्री रिजवी ने बताया कि यूं तो वक्फ के पास अरबों रुपए की संपत्तियां हैं, लेकिन वक्फ की आय सालाना महज 15-16 लाख रुपए ही है। उन्होंने कहा कि संपत्तियों की आय में इजाफा करने के साथ साथ समाज कल्याण के कार्यों के लिए जल्द ही अहम फैसले लिये जाएंगे।
नए सिरे से एक्ट और कमेटियों का होगा गठन
शनिवार को कार्यालय छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चेयरमेन रिजवी ने कहा कि वक्फ के तहत आने वाले सभी इदारों को मजबूत करने, वक्फ की आय बढ़ाने और इसके तहत आने वाले कारिंदों की तनख्वाह बढ़ाने की दिशा पर भी फैसले लिये जाएंगे। वक्फ बोर्ड को नए सिरे से मजबूती देने के लिए कई तरह के एक्ट और कमेटियों के गठन की बात भी चेयरमेन सलाम रिजवी ने की है। इसके बाद वक्फ की बेहतरी के लिए अहम, सख्त और कानूनी फैसलों को भी अमलीजामा पहनाने की तैयारियों का खुलासा किया।
नुकसान पहुंचाने वालों को नहीं बख्शा जाएगा
आय बढ़ाने के लिए चेयरमेन ने कहा है कि मस्जिद, दरगाह, कब्रस्तान, ईदगाह, ईमामबाड़ा समेत खाली पड़ी जमीनों में काबिज लोगों की फेहरिस्त तैयार की जा रही है। सभी इदारों में जांच और पुराने वक्फ बोर्ड के कार्यों में बरती गई चूक की भी जांच करवाई जाएगी। चेयरमेन सलाम रिजवी ने यह भी कहा कि वक्फ को माली नुक्सान पहुंचाने वालों की भी शिनाख्त कर ली गई है। ऐसे सभी तरीके के लोगों के खिलाफ आने वाले 3 से 6 माह में सख्त कानूनी कार्रवाई भी होगी।
लागू होगा महाराष्ट्र, राजस्थान का एक्ट
चेयरमेन सलाम रिजवी और नामचीन वकील फैजल रिजवी का कहना है कि वक्फ अधिनियम तो लागू है। सूबे में कई दरगाहों, मस्जिदों और इदारों में दो-दो कमेटियों के बीच विवाद है। फिर दरगाहों में भी खिदमतगारों और मेंबरों की पुश्तें काबिज हैं। वक्फ की संपत्तियों में भी यही हाल है। ऐसे लोगों के लिए खासकर दरगाहों में अजमेर दरगाह एक्ट और ताजूद्दीन दरगाह एक्ट जैसे ही मुनासिब नियमों और कानून वाला एक्ट बनाकर राज्य शासन से गुजारिश की जाएगी ताकि इसे छत्तीसगढ़ में भी अन्य राज्यों की तर्ज पर दरगाह एक्ट लागू किया जा सके।
बीते 10 साल से नहीं हुई संपत्ति सर्वे
वक्फ अधिनियम 1995 संशोधित अधिनियम 2013 की धारा 4 व 5 के अंतर्गत वक्फ संपत्तियों का सर्वे कार्य हर 10 साल में पूरा होना है। समय समय पर शासन व्दारा वक्फ सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति पूर्ण रूप से न की जा कर अतिरिक्त प्रभार के तौर पर की जाती रही है। इसलिए कई बार सर्वे कार्य में विलंब हुआ है। सर्वे के लिए वक्फ शासन से पूर्ण कालिक कमिश्नर की नियुक्ति की गुजारिश भी किया है। ऐसी सभी संपत्तियों की शिनाख्त कर उसका प्रस्ताव, सर्वे वक्फ बोर्ड भेजेगा। मुतवल्ली कमेटियों से इसके तहत आने वाले सभी इदारों को पंजीकृत करने की तैयारी भी है। इससे विवाद भी पैदा नहीं होगा।