कांग्रेस स्पोट्स सेल ने किया था खिलाडिय़ों का सम्मान, नाराज तार्ईक्वांडो फेडरेशन ने कर दिया उन्हें निष्काषित
रायपुर। खेल संघ में किसी भी राजनैतिक दलों के नेता-मंत्रियों को पद नहीं देना चाहिए, इससे खिलाडिय़ों में दबाव बना रहता है। कुछ इस तरह की मंशा नेशनल-इंटरनेशनल खिलाडिय़ों ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जाहिर की। दरअसल, विगत दिनों कुछ नेशनल खिलाडिय़ों को कांग्रेस स्पोट्र्स सेल ने सम्मानित किया था, जिससे नाराज बीजेपी के कद्दावर नेता व तार्ईक्वांडो फेडरेशन ऑफ छत्तीसगढ़ अध्यक्ष धरमलाल कोशिश और महासचिव रामपुरी गोस्वामी ने न सिर्फ इन खिलाडिय़ों को खेल से वंचित किया, बल्कि खेलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
रायगढ़ जिले से आई भाविका पांडेय जो ताईक्वांडो फेडरेशन के नेतृत्व में इंटरनेशनल खेल चुकी है और वे गोल्ड मेडल भी हालिस कर चुकी है, ऐसे होनहार खिलाड़ी पर फेडरेशन ने विगत दो वर्षों से प्रतिबंध लगा रखा है। उन्हें कहीं खेलने नहीं दिया जा रहा है। पत्रकारों के समक्ष अपनी बात रखते हुए बोली, अगले माह 2 दिसंबर को बिलासपुर में राज्य स्तरीय ताईक्वांडो स्पर्धा है, जिसमें वे खेलना चाहती है, लेकिन फेडरेशन में बैठे अध्यक्ष धरमलाल कोशिश और सचिव रामपुरी गोस्वामी उन्हें खेलने से वंचित रखा है।
कांग्रेस स्पोट्स सेल ने किया था सम्मान
दरअसल, 2017 में उन्हें अच्छे प्रदर्शन के लिए कांग्रेस स्पोट्स सेल ने सम्मानित किया था, उसके बाद से ही उनके ऊपर खेल फेडरेशन ने प्रतिबंध लगा दिया है। भाविका ने फेडरेशन के महासचिव पर आरोप लगाते हुए बोली कि उन्हें रामपुरी गोस्वामी ने ये कहते हुुए दुत्कारा कि अब तुम्हारा यहां कोई जगह नहीं है, तुम कांग्रेस से ही सम्मान ले लो।
बता दें कि प्रेस कांफ्रेंस में अकेली भाविका नहीं बल्कि कई अनेेक खिलाड़ी पहुंचे थे, जिसमें पुष्पेंद्र कश्यप, अमय मिश्रा, ऋषि सिंह, आदर्श डोरा, हर्ष शर्मा, प्रतीक यादव व छत्रेश चंद्रा जैसे कई नेशनल-इंटरनेशल खिलाडिय़ों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्होंने कहा कि फेडरेशन उनके साथ बहुत दुव्र्यवहार कर रहा है, जिससे वे देश के लिए नहीं खेल पा रहे हैं। इन खिलाडि़य़ों के साथ आए छत्तीसगढ़ स्पोट्र्स कांग्रेस सेल के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने कहा, खिलाडिय़ों के साथ इस तरह की दुर्भावनाओं के मद्देनजर खेल संघ में राजनैतिक पार्टियों की दखलांदाजी नहीं होनी चाहिए। उनकी सरकार से मांग की है कि खिलाड़ी सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए भी खेलता है, लिहाजा इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं होना चाहिए। हम चाहते है, खेल संघ में पदाधिकारी के रूप में इंंटरनेशनल खिलाडिय़ों को पद दिया जाए, ताकि खेल भावना बनी रहे। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों की गलती सिर्फ इतनी है कि उनके अच्छे प्रदर्शन को प्रदेश कांग्रेस स्पोट्र्स सेल ने सम्मानित किया।
अधिक फीस का किया विरोध तो कर दिया डिस्क्वालिफाइ
खिलाड़ियों ने ताईक्वांडो फेडरेशन पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जरूरत से ज्यादा फीस खिलाडिय़ों से मांगे, जब इसका विरोध किया तो उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया। उन्होंने कहा ये घटना सरगुजा संभाग से है। वहां के 14 खिलाडिय़ों को सिर्फ इसलिए डिस्क्वालिफाई किया, क्योंकि उनकी फीस 22 सौ थी लेकिन संघ के अधिकारी उनसे 27 सौ मांग रहे थे। गरीब व आदिवासी खिलाड़ी इसका विरोध किया, जिससे उन्हें खेल से बेदखल कर दिया। आपको बता दें कि 4 से 7 जुर्लाई को बिरसा मुंडा राष्ट्रीय ताईक्वांडो स्पर्धा रांची में आयोजित किया था, जिसमें यह खिलाड़ी गए थे, लेकिन उन्हें खेलने नहीं दिया गया। हद तो तब हुई जब इन खिलाडिय़ों में दीप कुजूर नामक खिलाड़ी जो, कई राज्यों को हराकर फाइनल में पहुंचा था, लेकिन उसे फाइनल खेलने नहीं दिया गया। और जब खिलाड़ी इसकी शिकायत महासचिव रामपुरी गोस्वामी से किया तो वे अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का डर दिखााकर ब्लैकलिस्टेड करने की धमकी दे दिया।
मोबाइल पर चलता है फुटबॉल खेल संघ
एक बड़ी लापरवाही की जानकारी देते हुए प्रवीण ने कहा कि कोरिया जिले के राज्य स्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन 5 से 12 नंवबर तक कोरबा में आयोजित किया था लेकिन फुटबॉल संघ के सचिव ने खिलाडिय़ों को पार्टीसिपेट नहीं करने दिया। दिलचस्प पहलु ये है कि कोरिया फुटबॉल संघ के सचिव कई वर्षों से कोलकाता में शिफ्ट है और वे पूरा खेल संघ को मोबाइल के वाट्सएप पर चला रहा है। जिससे खिलाड़ियों को सही समय पर कोई सूचना नहीं मिल पाता है। पीडि़त सभी खिलाड़ी सहित प्रवीण का आरोप है कि प्रदेश में फुटबॉल संघ में अजय चंद्राकर एकछत्र राज कर रहे हैं, जिसका परिणाम खिलाड़ी भुगत रहे हैं।
खेल संघ में दिग्गजों की बड़ी लपरवाही
इसी तरह एक ओर बड़ी लापरवाही के बारे में जानकारी देते हुए प्रवीण ने बताया कि बीते दिनों की बात है, जब कुश्ती फेेडरेशन की गंभीर लापरवाही की वजह से प्रदेश के 10 राष्ट्रीय खिलााड़़ी दिल्ली में खेलो इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्पर्धा में शामिल नहीं हो पाया। दरअसल जिस दिन वे पहुंचे उन्हें पता चला कि एक दिन पहले ही स्पर्धा हो चुका है। देखा जाए तो, खिलाड़ी एक तरफ खेल संघों की बड़ी लापरवाही का खामियाजा भुगतते है, तो दूसरी ओर राजनैतिक दबाव में भी होते है। इसके मद्देनजर खिलाडिय़ों की सरकार से मांग है कि वे खिलाडिय़ों पर कोई दबाव न बनाए और सारे प्रतिबंध हटाकर उन्हें खेलने दिया जाए। उनका कहना है कि अगले वर्ष यानि 2021 को नेशनल स्तर पर ताईक्वांडो प्रतिस्पर्धा का आयोजन होने जा रहा है, उसके पूर्व सरकार सभी चीजों को दुरुस्त करें, अन्यथा उग्र आंंदोलन का रूख भी अपना सकते हैं।