…न हो अमृतसर रेल दुर्घटना, रेलवे सुरक्षा बल ने ड्रोन कैमरे से की रेलवे ट्रैक की सतत निगरानी
रायपुर। डब्ल्यू आर एस कॉलोनी में दशहरा पर्व विगत कई वर्षों से बनाया जा रहा है इसके सफलतापूर्वक आयोजन के लिए रेल प्रशासन सतर्क इन सजगता के साथ डब्ल्यू आर एस स्टेशन से उरकुरा स्टेशन के बीच गहन सावधानी एवं निगरानी की, ताकि किसी प्रकार की जनहानि ना हो। इसके लिए रेल प्रशासन ने रायपुर रेल मंडल के रेलवे सुरक्षा बल सहित सिविल डिफेंस के लगभग 80- 100 सदस्य रेलवे ट्रैक एवं रेल परिचालन में अहम भूमिका निभाऐ संयासी पारा रेलवे फाटक से उरुकुरा फाटक तक गहन सतर्कता क्षेत्र रहा। रायपुर -उरकुरा -रायपुर के मध्य कौशन ऑर्डर- 10 से 15 किलोमीटर की स्पीड में ट्रेन का परिचालन किया जाएगा एवं गुजरने वाली प्रत्येक ट्रेन में लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट की सहायता के लिए लोको इंस्पेक्टर डिविजनल यातायात इंस्पेक्टर की भी ड्यूटी लगाई गई है ताकि रेल परिचालन पर गहन निगरानी रखी जा सके एवं सुरक्षित परिचालन रहा।
रेलवे सुरक्षा बल द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर को दोपहर बाद से ही आसपास के क्षेत्रों में अनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को जागरूक करता रहा है कि वे रेलवे ट्रैक पार कर कर रेलवे ट्रैक पर बैठकर दशहरा ना देखें । रेलवे सुरक्षा बल द्वारा ड्रोन कैमरे से रेलवे ट्रैक की सतत निगरानी की गई ।
वह दशहरा ग्राउंड में देख ही रहकर दशहरा देखें रायपुर रेल मंडल सुरक्षित संरक्षित रेल परिचालन विगत कई वर्षों से दशहरा मैदान के दौरान करता रहा है इस दौरान लगभग 20 से 25 ट्रेनें सायं 3:00 से रात्रि 11:00 के बीच गुजरी ।
जिनमें मुख्य ट्रेनें साउथ बिहार, लिंक एक्सप्रेस, बिलासपुर भगत की कोठी, अजमेर दुर्ग एक्सप्रेस, रायगढ़ रायपुर मेमू हावड़ा मेल जनशताब्दी हसदेव एक्सप्रेस अमरकंटक, शालीमार, बेतवा सारनाथ अंबिकापुर लोकल गाडिय़ां रही। समपार फाटक क्रमांक 414, 415, 416 को सावधानीपूर्वक पार करने लोगो को लगातार हिदायत देते रहे । मंडल रेल प्रबंधक कौशल किशोर ने सुरक्षित संरक्षित रेल परिचालन के लिय सम्बंधित विभागों की प्रशंसा की।
क्या हुआ था अमृतसर में
आपको बता दें कि आज से ठीक एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन यानि रावण दहन के दिन चंद ही सेकेंडस में कई इंसानों की लाश बिछ गई थी। दरअसल, 19 अक्टूबर 2018 को अमृतसर से सटे जोड़ा फटाक के पास सैकड़ों लोग रेलवे लाइन पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। इस दौरान तेज आतिशबाजी के बीच लोगो को ट्रेन का हॉर्न सुनाई नहीं दिया और वे सब ट्रेन की चपेट में आये और लगभग सभी की मौके पर मौत हुई थी।