छत्तीसगढ

नेशनल स्तर की प्रदर्शनी में छात्र ने ‘धान क्रॉफ्ट’ पर बनाया प्रोजेक्ट, बड़गांव के सरकारी स्कूल के छात्र ने बनाया प्रोजेक्ट

बालोद, 13 जनवरी। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते हैं। यहां अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं। धान का अपना विशिष्ट स्थान है। इस धान के कटोरे पर आधारित धान क्राफ्ट पर एक खास प्रदर्शनी की प्रस्तुति बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र शिवकुमार सहारे ने अपने मार्गदर्शक शिक्षिका कादम्बिनी लोकेश पारकर यादव के मार्गदर्शन में दी।

उक्त प्रस्तुति नेशनल स्तर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान दी गई, जो कि ऑनलाइन हुई। खास बात यह है कि इस प्रतियोगिता में प्रस्तुति के लिए पूरे छत्तीसगढ़ से सिर्फ 4 ही प्रोजेक्ट चयन हुए थे। जिसमें तीन तो अकेले रायपुर जिले से थे, लेकिन धान क्रॉफ्ट पर जो क्रिएटिविटी की गई है वह बालोद जिला के बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल का प्रोजेक्ट था।

ग्रामीण कला शिल्प एवं विज्ञान थीम के अंतर्गत गाँव की सुंदरता “धान क्राफ्ट” पर आधारित प्रोजेक्ट को छात्र ने मार्गदर्शक शिक्षिका कादम्बिनी लोकेश पारकर यादव के नेतृत्व में तैयार किया था। रीजनल इंडियन यंग इन्वेंटर्स एंड इन्नोवेशन चैलेंज 2021 (क्षेत्रीय भारतीय युवा अन्वेषक और अन्वेषक चुनौती- 2021) के तहत एनओएसटीसी (नेटवर्क ऑफ ऑर्गेनाइजेशन फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन न्यू दिल्ली) के परियोजना के तहत नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (डीएसटी) गवर्नमेंट ऑफ इंडिया न्यू दिल्ली एंड साइंस सेंटर, मध्यप्रदेश भोपाल ग्वालियर द्वारा संयुक्त रूप से उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

14-15 दिसंबर को सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, कोलू, ग्राम आदमपुर चेवनी, रायसेन रोड, भोपाल, में ऑनलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यम से आयोजन किया गया। जिसमे विभिन्न राज्यो से चयनित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमे छत्तीसगढ़ से 4 प्रोजेक्ट का चयन हुआ है। उसमे से एक हायर सेकेण्डरी स्कुल बड़गांव का है। मार्गदर्शक शिक्षिका कादम्बिनी लोकेश पारकर यादव के मार्गदर्शन में सतत टिकाऊ विकास के अंतर्गत थीम ग्रामीण कला शिल्प एवं विज्ञान के अंतर्गत गांव की सुंदरता “धान क्राप्ट” टाइटिल पर गांव की कला और नवाचार को छात्र शिव कुमार सहारे द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसको देखने से इतना मनभावन है कि आप कल्पना नही कर सकते कि ये टीचर के मार्गदर्शन में छात्र ने बनाया है।

सहयोगी टीचर के तिवारी रही। धान की बालियों, धान, पैरा से घर के सजावट के चीजो का निर्माण किया गया है, जो इतने सुंदर क्राफ्ट है। इस सफलता के लिए संस्था के प्राचार्य जे के उकेय, शाला परिवार और शाला समिति के सदस्यों के शुभकामनाये दी है। साथ ही ब्लॉक डौन्डी लोहारा ,बालोद जिला एवं राज्य के समस्त अधिकारियो ने हर्ष व्यक्त करते हुए, शुभकामनाये दी।

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