स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में इस बार स्वतंत्रता दिवस खास रहा, एक ओर तिरंगे की रौशनी से नहाया टर्मिनल तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ को समृद्ध करते कई रंगों से किया रूबरू
रायपुर। माना कैंप स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में इस बार स्वतंत्रता दिवस का रंग बिल्कुल जुदा रहा। दरअसल, इस राष्ट्रीय पर्व पर एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इतने बेहतरीन तरीके से सेलिब्रेट किया कि चिर स्मरणीय हो उठा। एक और पूरा एयरपोर्ट परिसर तिरंगे की रौशनी नहाया तो दूसरी ओर विभिन्न मनमोहक झांकियों ने आकर्षित किया।
वैसे तो हर वर्ष स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में 15 अगस्त बड़े ही धूमधाम से मनाने की परंपरा रही लेकिन इस बार कई कारणों से ये अलग रहा। इस वर्ष इस राष्ट्रीय पर्व की विशेषता छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति विरासत, गौरवशाली इतिहास एवं सुन्दर लोक परंपरा का समग्र रूप देखने को मिला।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा दर्शकों को छत्तीसगढ़ की
संस्कृति, ऐतिहासिक कलाकृतियां, जनजीवन एवं
अद्ववतीय विशेषताओं के विभिन्न रंगों से साक्षात्कार करने का एक सफल प्रयास किया गया।
स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व से ही जहां पूरा टर्मिनल तिरंगे की रौशनी में सराबोर रहा तो दूसरी ओर kps के विद्यार्थियों द्वारा सन्देश देता नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुती मुग्ध कर गई। हालांकि ये नाटक स्वच्छता के क्षेत्र में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन अपनी विशेष प्रस्तुति से बेहद सराही गई।
स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण कार्यक्रम में एयरपोर्ट निर्देशक राकेश आर. सहाय द्वारा एयरपोर्ट की प्रगति एवं उड्डयन क्षेत्र में किए विकास के बारे में जानकारी दिया गया।
विमानतल से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों के उत्कृष्ट्र प्रदर्शन करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया गया, साथ ही सेवानिवृत्त कर्मियों को भी सम्मान किया। एक विशेष प्रस्तुति में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा अपने शौर्य व रण कौशल का बेहरतीन प्रदर्शन किया।
स्वतंत्रता दिवस पर एयरपोर्ट टर्मिनल भवन पूरी तरह स्थानीय साज सज्जा से सरावोर किया। टर्मिनल के प्रवेश द्वार को अत्यंत आकर्षक ढंग से संवारा। जिसमे छत्तीसगढ़ के कुछ विशिष्ट प्रतीकों तथा बाइसन हॉर्न आदि के नमूनों को उकेरा गया था। जब दर्शक टर्मिनल के भीतर प्रवेश किया तो उन्हें एक बेहद ही रोमांचकारी अनुभूति का अहसास कराया। दरअसल, वहां उनका साक्षात्कार छत्तीसगढ़ के समग्र संस्कृति से हुआ, जहां आदिवासी संस्कृति की कई रूप से रूबरू होने का मौका मिला।
छत्तीसगढ़ के कुछ महान विभूतियों के छायाचित्र उनके परिचय के साथ गैलरी की शोभा बढ़ा रही थी। दूसरी और छत्तीसगढ़ को समृद्ध करते यहां का स्थानीय त्योहार तीजा, पोला, हरेली की मनमोहक झाकियां देखते बनी। छत्तीसगढ़ की एक और समृद्धिशाली और आध्यात्मिक महत्व यहा का पर्यटन, जहां सिरपुर जैसी धरोहर है तो दूसरी ओर आस्था का स्थल राजिम कुंभ की झांकी देखने को मिली। टर्मिनल में लगाये इस प्रदर्शनी में एक कौना ऐसा भी था जिसमे यहां के पारंपरिक पोशाकें में तैयार झांकियों को सहज ही दर्शकों को आकर्षित किया।
एयरपोर्ट के प्रांगण में कुछ छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीकों जिसमें वन भैसा और पहाड़ी मैना सहित अनेक महत्वपूण म्युरल कलाकृतियों से सजा था।