छत्तीसगढ

अमित जोगी की खरी-खोटी… हरदेव जैसों को भला Z प्लस वाले कहाँ अंदर घुसने देते? आप भी सुने

रायपुर, 22 जुलाई। करीब पखवाड़े भर पहले CM भूपेश बघेल के निवास के सामने धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश किया था, जिसे आनन-फानन में हॉस्पिटलाइज किया गया था। आज उसने अंतिम सांस ली। हरदेव के मौत के बाद ही सियासी सरगर्मियां बढ़ गई। एक ओर भाजपा के प्रवक्ता ने एक वीडियो जारी कर मौत का मुवावजे की मांग की तो दूसरी और जनता कॉंग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अमित जोगी ने भी एक वीडियो जारी किया। वीडियो में अमित ने हरदेव की दोनों बेटियों की जिम्मेदारी लेने का वचन लिया साथ ही सरकार को भी खरी खोटी‪ सुनाई। इसके साथ उन्होंने मीडिया को एक विज्ञेप्ति जारी करते हुए हरदेव सिन्हा को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

अमित जोगी ने लिखा-

हरदेव सिन्हा को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि

दुख की बात है कि अपनी दो बेटियों,पत्नी, माता-पिता और अपाहिज भाई के लिए दो वक़्त के भोजन के लिए रोज़ संघर्ष करने वाला हरदेव सिन्हा जीवन की लड़ाई आज हार गया।जब कुछ न सूझा तो गूगल मैप में CM हाउस का पता ढूँढकर मुख्यमंत्री निवास के घर के दरवाज़े पे जा पहुँचा। हरदेव जैसों को भला Z प्लस वाले कहाँ अंदर घुसने देते?उसने खूब इंतेज़ार किया।थक हार कर ₹10 का पेट्रोल खुद पे छिड़क लिया और माचिस की तिली जला दी कि शायद कोई उसकी तरफ़ एक नज़र तो देख ले?

उसे देखते ही सरकार ने उसे पागल करार दिया।भूख और बेबसी कभी पागलपन का कारण नहीं होती।24 दिन वो कालड़ा अस्पताल में रहा।अकेले।जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते।गूगल मैप के अनुसार अस्पताल की CM हाउस से दूरी ‬मुश्किल से ढाई किलोमीटर है।उसका हाल जानने में 10 मिनट का समय और ₹10 का पेट्रोल ही लगता।

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अधिक दुःख मुझे इस बात का है कि लोग नया-नया कुर्ता पैजामा सिलवाकर आयोग निगम मंडल और संसदीय सचिव की शपथ लेते रहे।लाखों करोड़ों के पोस्टर लगा दिए।भौंरा खेलते रहे।लेकिन अंत तक हरदेव का हाल जानने कोई हॉस्पिटल नहीं पहुँचा।किसी ने उसकी कोई मदद नहीं की-न सरकार ने,न समाज ने।

जब मैं हरदेव से अस्पताल में मिला था तो उसने साफ़ आवाज़ में मुझसे कहा था कि ‘भैया अब्बड़ भूख लागत हे।दू दिन ले खाना नई खाय हँवव।’मैंने डॉक्टर की ओर देखा।उन्होंने मुझे बताया की जलने के कारण उसके पाचन अंग नष्ट हो गए हैं,इसलिए सॉलिड खुराक देना अब सम्भव नहीं है।लिक्विड आहार इंजेक्शन (IV) से दिया जा रहा है।कमरे के बाहर हरदेव के पिता जी से मैंने पूछा कि उनको किसी चीज़ की ज़रूरत तो नहीं,तो उन्होंने सिसकते हुए मेरे शरीर से लिपटकर कहा कि ‘चौदह साल बाद मोला लड़का मिले हे,एला बचा ले।मोला अउ कुचु नहीं चाही,बाबू।मोर लईका ल लउटा दे!’

मैं बड़ा आदमी नहीं हूँ लेकिन चार साल पहले मैंने योगेश साहू की बहनों से कहा था कि ‘अब योगेश की जगह अमित ने ले ली है।’मुझे गर्व है कि बहन-भाई के इस पवित्र रिश्ते को मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाया है।आज मैं हरदेव सिन्हा की दो नन्ही बिटियाओं से कहता हूँ-‘तुम्हारे पापा की कमी अब अमित पूरी करेगा।’ईश्वर मुझे इस वचन को पूरा करने की शक्ति प्रदान करें।

सरकार और समाज दोनों से मेरी विनती है कि हरदेव जैसे छत्तीसगढ़ के लाखों परिवारों को बर्बाद होने से बचा लें।

ॐ शान्ति

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