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आक्सीजन पाइप पर थे अरविंद केजरीवाल के पैर, छटपटाता रहा यूपी; 225 मीट्रिक टन कम हुई आपूर्ति

लखनऊ, 26 जून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के वो दस-पंद्रह दिन…। तेजी से बढ़ता संक्रमण, उखड़ती सांसें और बिलखते परिवार। हर मन में मानवता छटपटा रही थी। जाति, धर्म या वर्ग की हर दीवार एक-एक आह पर इस भावना से ढेर होती गई कि कैसे और किस-किसकी मदद कर दी जाए, लेकिन सबसे बड़ी बेबसी आक्सीजन संकट की थी। योगी आदित्यनाथ सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद आक्सीजन के लिए उत्तर प्रदेश इतना क्यों छटपटाया, उसका स्याह सच सामने आया है। दरअसल, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा झूठे आकलन से चार गुना अधिक आक्सीजन ली गई, जिससे अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश को भी हर दिन लगभग 225 मीट्रिक टन आक्सीजन केंद्र से कम मिल पाई।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी उपसमिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने जरूरत से ज्यादा आक्सीजन ली, उससे उत्तर प्रदेश सहित तमाम राज्यों को केंद्र सरकार से की जाने वाली आपूर्ति प्रभावित हुई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यूपी में अप्रैल-मई में कोरोना जब चरम पर था, उस समय हर दिन आक्सीजन की जरूरत 200 मीट्रिक टन से बढ़कर 960 मीट्रिक टन से लेकर 1000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई। 825 मीट्रिक टन केंद्र सरकार से मांग की गई, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा अचानक ज्यादा आक्सीजन का अतिक्रमण कर लेने से यहां 825 मीट्रिक टन की बजाए 600 मीट्रिक टन ही आक्सीजन केंद्र सरकार ने दी। योगी सरकार ने हालात संभालने के लिए अलग से व्यवस्था की। आननफानन आक्सीजन प्लांट को मंजूरी व आक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई। उद्यमियों ने फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप कर इंडस्ट्रियल आक्सीजन की आपूर्ति अस्पतालों को की।

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मानवीय आधार पर सोचना चाहिए था कि महामारी के दौरान सभी की बेहतर व्यवस्था हो। उस मौके पर भी जिस तरह आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने आक्सीजन की जरूरत का मिथ्या आकलन किया, उससे दूसरे राज्यों को मुसीबत झेलनी पड़ी। अगर जरूरत ज्यादा होती तो लेते, इसमें किसी को कोई समस्या नहीं थी लेकिन यह तो कतई उचित नहीं था कि सही आकलन न कर आवश्यकता बिना ही अधिक आक्सीजन ली गई जिससे दूसरे राज्यों की आपूर्ति प्रभावित हुई।

यूपी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए आम जनता के जीवन से खिलवाड़ किया। उनकी वजह से उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, हमारे हिस्से की आक्सीजन भी वह दबा गए। केजरीवाल पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी बोले कि अरविंद केजरीवाल कृत्रिम आपदा हमेशा खड़ी करते रहे हैं। सभी जानते हैं कि वह अवसरवादिता की राजनीति करते हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना था कि दिल्ली सरकार ने ऐसा किया है तो गलत है।

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