इन 30 जिलों ने बढ़ाई भारत की टेंशन, कोरोना पॉजिटव रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। देशभर से कोरोना का प्रकोप भले ही कम होता नजर आ रहा है लेकिन अब भी कुछ जिलों में वायरस का खतरा बरकरार है। देश के कम से कम 30 जिले ऐसे हैं जहां कोविड-19 पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत या उससे ज्यादा है। जबकि देश के पॉजिटिविटी रेट में पिछले पांच महीने से गिरावट देखी जा रही है। खतरे की घंटी बजा रहे इन 30 जिलों में से 13 जिले अकेले सिर्फ केरल से हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर लगातार 13 दिनों के लिए साप्ताहिक सकारात्मकता दर 3% से कम रही है। इसलिए विशेषज्ञ अधिक जोखिम वाले इलाकों में इस्तेमाल की जा रही रोकथाम रणनीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।
नाम न छापन की शर्त पर एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि साफ रूप से कुछ तो गड़बड़ है तभी इतनी मात्रा में कोरोना मामले सामने आ रहे हैं। उदाहरण के लिए, हम काफी टेस्ट कर रहे हैं लेकिन इसमें सिर्फ उन्हीं कॉन्टैक्ट को टारगेट किया जा रहा है जो हाई रिस्क में है। जाहिर है कि सकारात्मकता उनमें ही ज्यादा होगी। लेकिन अगर हम पर्याप्त टेस्ट नहीं कर रहे तो हो सकता है कि हम कई केसों को मिस कर रहे हैं। खासकर एसिम्टोमैटित मामले।
11 राज्यों के अन्य 18 जिले अभी भी साप्ताहिक सकारात्मकता दर 5% से 10% के बीच रिपोर्ट कर रहे हैं, जो फिर से कोविड -19 संक्रमणों के फैलने की उच्च दर का संकेत देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यदि किसी क्षेत्र में लगातार दो हफ्ते से साप्ताहिक सकारात्मकता दर 5 प्रतिशत के नीचे हो तभी उस इलाके के नियंत्रण में होने की बात कही जा सकती है।
केरल के अलावा, मिजोरम आठ जिले, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में तीन-तीन, सिक्किम में दो और मेघालय में कोरोना का खतरा अब भी बढ़ा हुआ है। हालांकि देशभर के सबसे अधिक सक्रिय मामले फिलहाल केरल में ही हैं। यहां 1,44,075 एक्टिव केस हैं। जो पूरे देश के 52.01 प्रतिशत के बराबर हैं।
पांच राज्यों में 50,000 से 100,000 सक्रिय कोविड -19 मामले हैं। महाराष्ट्र में 40,252 सक्रिय मामले हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 17,192, मिजोरम में 16,841, कर्नाटक में 12,594 और आंध्र प्रदेश में 11,655 मामले हैं।