छत्तीसगढ

इस्पात मंत्रालय का राज्यों से अनुरोध- इस्पात संयंत्र उत्पादन जारी रख सकेंगे

आवश्यक सहयोग अपेक्षित,  उर्जा का उत्पादन आवश्यक
 
नई दिल्ली। इस्पात मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर स्टील उत्पादन को बरकार रखने के लिए संबंधित संयंत्रों में कर्मचारियों की आवाजाही और कच्चे माल की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।
मंत्रालय ने कहा है कि संयंत्र में कच्चे माल की आपूर्ति के लिएं  अंतर्राज्यीय स्तर पर ट्रकों की आवाजाही की अनुमति देने के लिए जरूरी निर्देश भी दिए जाएं, जिससे संयंत्रों में उत्पादित माल का प्रेषण भी निर्बाध रूप से जारी रखा जा सके।
इस संबंध में इस्पात मंत्रालय के सचिव विनय कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि देखा जा रहा है कि अनेक राज्यों में कोविड 19 के बचाव के दृष्टिकोण से   गैर-जरूरी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की आवाजाही के साथ ही कच्चे माल लेकर आने वाले ट्रकों पर भी रोक लगा दी गई है। इससे स्टील संयंत्रों को संकट का सामना करना पड़ा रहा है। संयंत्र में उत्पादन के साथ ही फर्नेस प्लॉट मशीन के खराब होने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने कहा कि ई एस एम ए, 1981 की धारा 2 (1) (ए) (3११)  के तहत  कोयला, बिजली, इस्पात या उर्वरकों का  उत्पादन, आपूर्ति या वितरण को आवश्यक सेवा माना गया है। इसलिए संयंत्रों में उत्पादन को जारी रखने के लिए  स्टील प्लांट्स, दोनों एकीकृत स्टील प्लांट्स के साथ-साथ इंडक्शन फर्नेस या इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस आधारित स्टील यूनिट्स में  कर्मचारियों को प्रवेश दिया जाए। साथ ही खदानों में भी निर्बाध रूप से काम जारी रखा जाए। ताकि इस्पात संयंत्रों को लौह अयस्क, कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, फेरो-मिश्र जैसे कच्चे माल की आपूर्ति हो सके। साथ ही कच्चे माल की आपूर्ति भी रेल और सड़क मार्ग से सतत जारी रखी जाए। इसके अलावा उत्पादित माल की सप्लाई जारी रखी जाए जिससे स्टील प्लॉट की क्षमता भी बनी रहेगी।

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