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एक ही इंसान को लगेगी 2 अलग वैक्‍सीन? Covishield और Covaxin के मिक्स डोज के ट्रायल की सिफारिश

नई दिल्ली, 30 जुलाई। लगभग दो साल से पूरे विश्व में तांडव मचा रहा कोरोना वायरस अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में इसके खिलाफ आए दिन नई नई वैक्सीन आ रही हैं। लेकिन ये पहली बार है जब दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराकों को मिलाकर ट्रायल देने पर विचार किया जा रहा है। दरअसल, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की कोविड-19 पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने गुरुवार को कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिक्स कर उसके ट्रायल की सिफारिश की है।

300 वॉलंटीयर्स पर मिक्स डोज का ट्रायल

सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु के वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन के इंटरचेंजबिलिटी स्टडी प्रोटोकॉल की एप्लीकेशन  को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा, “कोवैक्सिन और कोविशील्ड की खुराक के मिक्स के लिए 300 वॉलंटीयर्स पर जल्दी ही चार फेज का ट्रायल होना चाहिए।” उन्होंने समझाया कि ट्रायल के पीछे का उद्देश्य यह देखना है कि क्या किसी व्यक्ति को वैक्सीन का कोर्स पूरा करने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सिन के दो अलग-अलग टीके दिए जा सकते हैं।

बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल की मंजूरी की सिफारिश 

एक्सपर्ट पैनल ने ये भी कहा है कि  बॉयोलॉजिकल ई की वैक्सीन को बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी की सिफारिश दी जाए। एक्सपर्ट कमेटी ने सिफारिश की है कि बॉयोलॉजिकल ई को 5 से 17 साल के बच्चों पर अपनी वैक्सीन के फेज-2 और फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी की सिफारिश की जाए। हालांकि, कमेटी ने 18 साल से ऊपर के लोगों पर चल रहे ट्रायल का डेटा भी मांगा है।

बता दें कि ये चौथी वैक्सीन है, जिसे बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश एक्सपर्ट पैनल ने की है। इससे पहले भारत बायोटेक, जायडस कैडिला और नोवावैक्स की ओर से मंजूरी की सिफारिश भी हो चुकी है। भारत बायोटेक और जायडस की वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर चल भी रहा है। जबकि, नोवावैक्स की वैक्सीन कोवोवैक्स को ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश कमेटी ने कुछ दिन पहले ही की है।

जॉनसन एंड जॉनसन ने वापस लिया ट्रायल का आवेदन

इधर, अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने पहले भारत में भी अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का आवेदन दिया था। लेकिन, अब उसने अपने इस आवेदन को वापस ले लिया है। एप्लीकेशन के अनुसार जॉनसन एंड जॉनसन भारत में 600 लोगों पर सिंगल डोज वैक्सीन का ट्रायल करना चाहती थी। ये ट्रायल 18 से 59 साल और 60 साल से ऊपर के लोगों पर होना था।

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