छत्तीसगढ

कवासी लखमा के निज सहायक रमेश कश्यप ने मुख्यमंत्री राहत कोष को दिया 21111/ का योगदान, कहा- समर्थ के अनुसार हर कोई करें सहयोग

रायपुर। पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है। इससे लोग जहां एक ओर हॉस्पिटल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रही है तो दूसरी ओर 130 करोड़ जनता घर में कैद है। इस विपदा से उबरने प्रदेश का मुखिया भूपेश बघेल भी आम से लेकर खास, हर किसी से मदद की गुहार लगा रहा है। CM की इस गुहार से निः संदेह अनेक हाथ मदद के लिए आगे आए। आज इस विपरीत परिस्थितियों में मदद इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि न तो कोई दुकान खुला है न कोई मंदिर न कोई घर। मुखिया की संवेदनशीलता इस बात से जाहिर है कि उन्होंने उनके लिए सोचा जो भीख मांगकर या मंदिरों में बैठकर या ऐसे ही किसी तरीकों से पेट भरता हो। संवेदनशीलता इस बात की भी है कि ताकि लॉकडाउन के दौरान वो लोग भूखे न रहे, जिनका न तो कोई रहने का ठियां है और न ही खाने का इंतेजाम। यानि भिखारी, मांगने वाले, मंदिरों के सामने बैठने वाले जैसे सैकड़ों लोगों के मुंह में अन्न जुटाने हर कोई अपने हिसाब से मदद का हाथ आगे बढ़ाये। इस दौरान कई कैबिनेट मंत्रियों ने दो-दो, तीन-तीन माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया। इसी कड़ी को एक कदम और आगे बढ़ाया आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा के निज सहायक रमेश कश्यप ने। उन्होंने कहा कि निः सन्देह ये प्रेरणा मंत्री कवासी लखमा से उन्हें मिला। उन्होंने आगे कहा कि इस विश्वव्यापी महामारी के प्रभावी रोकथाम में अपनी महती जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सहयोग राशि के रूप में हेतु मैं 21111/- मुख्यमंत्री सहायता कोष में समर्पित करता हु। इस दौरान उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस विपदा की इस घडी़ में सभी समर्थ सज्जन यथासंभव सहयोग कर मानव धर्म का पालन करें।

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