छत्तीसगढ

4 सौ से अधिक डॉक्टर होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम से जुड़ कर दिन-रात कर रहे हैं कोरोना मरीजों की सेवा

रायपुर, 27 अप्रैल। रायपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ निलय मोझरकर ऐसे 4 सौ से अधिक डॉक्टरों में एक है, जो जिला प्रशासन रायपुर के होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम से जुड़ कर दिन-रात कोरोना से प्रभावित मरीजों की सेवा कर रहे हैं, उन्हें चिकित्सकीय मार्गदर्शन कर रहे हैं और उनकी स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

रायपुर जिले में होम आइसोलेशन के माध्यम से अभी तक 77 हजार से अधिक कोरोना मरीजों को ठीक किया जा चुका है । डॉ मोझरकर ने बताया कि ऐसे मरीज जो कोरोना के साथ अन्य बीमारियों जैसे शुगर, हाई बीपी से भी पीड़ित हैं, इन्हें भी होम आइसोलेशन में रखकर ठीक किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन नाप कर मोबाइल के द्वारा डॉक्टर के पास नियमित रूप से अपडेट करना होता है। ऑक्सीजन का लेवल 94 प्रतिशत से कम होना सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है। इससे मरीज के आने वाले समय में गंभीर होने की संभावना रहती हैं । विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से डॉक्टर अपने मरीजों की आपातकालीन स्थिति की जानकारी होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम तक पहुंचाते हैं।

होम आइसोलेशन की सहायक नोडल अधिकारी डॉ.अंजलि शर्मा ने बताया कि डॉक्टर द्वारा होम आइसोलेशन के मरीजों की स्थिति गंभीर होने की जानकारी दिये जाने पर कंट्रोल रूम द्वारा तत्काल मरीज को कोविड सेंटर पहुंचाने के लिए समन्वय करने का कार्य किया जाता है। इसकी वजह से अब तक अनेक मरीजों का जान बचाई जा चुकी है।

होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सकों और अन्य विभागों के सहयोग से कोऱना के पहली लहर के दौर से ही 24 घंटों सातों दिन काम कर रहा है।होम आइसोलेशन से जुड़े डॉक्टरों को हर सप्ताह वेबीनार के माध्यम से कोरोना चिकित्सा संबंधी अपडेट व नए ट्रीटमेंट की जानकारी दी जाती है। डॉक्टर निलय और डॉ अंजलि द्वारा व्हाट्स एप्प ग्रुप के माध्यम से डॉक्टर्स की हर समस्या का समाधान किया जाता है।

कंट्रोल रूम के डॉक्टर एवं राजस्व निरीक्षक जो कि कंट्रोल रूम के प्रभारी हैं, सभी संबंधित जानकारी के साथ तीन पालियों में काम करते है और आपात स्थिति के मरीजों को एंबुलेंस प्रभारियों के माध्यम से तुरंत शिफ्टिंग का कार्य कराते हैं।

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