छत्तीसगढ

किसान स्वयं कर सकते है उर्वरकों की गुणवत्ता की पहचान

रायपुर। किसानों द्वारा खेती में प्रयोग लाए जाने वाले कृषि आदानो में सबसे महंगी सामग्री उर्वरक है। जिनका योगदान कृषि उत्पादन में 40 से 50 प्रतिशत तक होता है। कृषक स्वयं स्थानीय स्तर पर भारत सरकार की अधिकृत संस्थान सीएफसीएल के द्वारा बताई गई विधियों से मिलावटी उर्वरक का पता लगा सकते हैं।

उप संचालक कृषि श्री आर एल खरे ने बताया कि किसानों द्वारा उपयोग किये जाने वाले प्रमुख उर्वरकों यूरिया में साधारण नमक, एम ओ पी ( प्यूरेट आफ पोटाश ), एसएसपी, रॉक फास्फेट, एनपीके मिश्रण ,चिकनी मिट्टी आदि मिलावटी पदार्थ हो सकते हैं।

इसी तरह डीएपी में क्ले मिट्टी एवं जिप्सम की गोलियां, सीएन एवं एसएसपी में बालू एवं साधारण नमक ,एम ओ पी में बालू एवं साधारण नमक, एन पी के संयुक्त में एसएसपी, रॉक, फास्फेट, एन पी पी के मिश्रण का मिलावट हो सकता है। जिंक सल्फेट में मैग्नीशियम सल्फेट,कॉपर सल्फेट में बालू या साधारण नमक,फेरस सल्फेट में बालू या साधारण नमक की सामान्य मिलावट हो सकती है। इन प्रमुख उर्वरकों में सामान्य मिलावट की जांच सेंट्रल फर्टिलाइजर क्वालिटी कंट्रोल एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट (भारत सरकार) फरीदाबाद (हरियाणा) से विकसित विधि के द्वारा की जा सकती है।

उप संचालक कृषि ने बताया कि शुद्ध यूरिया चमकदार, लगभग समान आकार के दाने वाला ,पानी में पूर्णतया घुल जाना, घोल को छूने पर शीतल की अनुभूति, गर्म तवे पर रखने से पिघल जाना, आंच ( लौ) तेज करने पर कोई अवशेष ना बचना, आदि सामान्य बातें हैं। इसकी जांच के लिए हथेली पर थोड़ा पानी ले 2 मिनट बाद जब हथेली और पानी का ताप अनुरूप हो जाए तब 10 से 15 दाने यूरिया के डालें, शुद्ध यूरिया ठंडक देगा यदि यूरिया ठंडक ना दे तो यूरिया में मिलावटी समझें। इसी तरह एक चम्मच यूरिया घोल में आधा मिलीलीटर बेरियम क्लोराइड मिलाएं, शुद्ध यूरिया का घोल स्वच्छ होगा। यदि सफेद अवक्षेप आता है ,तो यूरिया मिलावटी है।

सामान्यता शुद्ध डीएपी के दानों का आकार एकदम गोल नहीं होता। डीएपी के दानों को गर्म करने या जलाने पर दाने फूल कर साबूदाने की भांति या लगभग दोगुने आकार के हो जाए, तो वह शुद्ध होगा। डीएपी के दानों को लेकर फर्श पर रखें फिर जूते से ताकत से रगड़े ,शुद्ध डीएपी के दाने आसानी से नहीं टूटेंगे । यदि आसानी से टूट जाएं तो डीएपी में मिलावट है। डीएपी में नत्रजन जांच के लिए 1 ग्राम पिसी डीएपी में चुना मिलाकर सूंघने पर यदि अमोनिया की गंध आती है,तो नत्रजन उपस्थित है ,यदि नहीं तो मिलावट है।

म्यूरेट ऑफ पोटाश की जांच के लिए 1 ग्राम उर्वरक परखनली मे ले, 5 मिली लीटर आसुत जल मिलाएं व अच्छी तरह हिलाएं।अधिकांश उर्वरक घुल जाए तथा अघुलनशील कण पानी की सतह पर तैरे तो तो शुद्ध mop होगा। यदि अधिकांश अघुलनशील पदार्थ परखनली के तले पर बैठ जाएं तो समझे उर्वरक में मिलावट है।शुद्ध पोटाश पानी में पूर्णता घुलनशील, रंगीन पोटाश का लाल भाग पानी पर तैरता है, यदि ऐसा है तो पोटाश शुद्ध है अन्यथा नहीं। शुद्ध पोटाश के कण नम करने पर आपस में चिपकते नहीं। सिंगल सुपर फास्फेट की जांच के लिए -दानेदार पाउडर, काला भूरा आदि रंगों में, एक दाना हथेली पर रगड़ने से आसानी से टूट जाए तो शुद्ध है।

जिंक सल्फेट की जांच के लिए पानी में घुलनशील है, लेकिन इनका घोल यूरिया पोटाश की तरह ठंडा नहीं होता, तो शुद्ध है। डीएपी के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है ,जो मैग्नीशियम सल्फेट के साथ ऐसा नहीं होता। इन सावधानियो को अपनाकर किसान स्वयं भी उर्वरक की गुणवत्ता का आकलन कर सकता है।

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