छत्तीसगढ

क्लास में बच्चों को पढ़ाई में करे इन्वॉल्व, जिंदगी के उदाहरण देकर समझाए टॉपिक

रायपुर । टीचर्स और पैरेंट्स के लिए होटल वीडब्ल्यू कैनयॉन में एक्सिलेंट टीचिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जहां एनएलपी ट्रेनर और लाइफ कोच शिल्पा अजित नाहर ने बेहतर स्टडी के लिए टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि बच्चे देखकर, सुनकर या महसूस करके सीखते है। क्लास में ज्यादा ऑडियंस फीलिंग के साथ पढ़ने वाले बच्चों की होती है लेकिन हम उन्हें इग्नोर कर देते है। क्लास में टीचर फीलींग्स के साथ नहीं पढ़ाते है। जिसके कारण क्लास रूम में ऐसे बच्चे हल्ला करते हुए नजर आते है। इसलिए हमें इन बच्चों के इन्वॉलमेंट के साथ पढ़ाई करानी चाहिए।  हमें उन्हें एहसास दिलाना चाहिए कि हम उनके साथ है, उनके साथ अटेच होकर पढ़ाना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपनी लर्निग स्टाइल भी चेक की।

क्यों करें –

– बच्चों से बात करते रहे, ऐसे शब्दों का यूज करें जिससे बच्चों में पढ़ने के लिए एक्साइटमेंट बढ़े। उस विषय के लिए फीलिंग आए।
–  बच्चों को महसूस कराए की हम उनके साथ है, उन्हें समय समय सवाल और उनके पास जाकर ये महसूस कराएं।
– कोशिश करें किसी टॉपिक को बच्चों से ही जोड़ कर समझाएं। ऐसे करने से टॉपिक को बच्चे जल्दी समझते है और जल्दी भूलते भी नहीं।

क्या न करें –

–  टीचर्स बोल-बोल के पढ़ाते है, इससे सुनके सिखने वाले बच्चे समझ जाते है लेकिन देखकर और महसूस करने बच्चे नहीं सीख पाते है। इसका ध्यान रखें।
– कलर ब्रेन को अट्रेक्ट करता है लेकिन बोर्ड में ज्यादातर वाइट कलर का यूज किया जाता है। यदि कलरफूल चाक का यूज करेंगे तो दिमाग को जल्दी और अच्छे से समझ में आएगी।
– पीटीएम को पीटीएम ही रहने देना चाहिए बच्चों को इन्वॉल्व न करें। इससे बच्चों के मन में टीचर्स के लिए और पेरेंट्स में बच्चों के लिए नेगेटिव इमेज बनती हे। इससे बच्चों में गिल्टी पैदा कर रहे है।

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