छत्तीसगढ

क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी स्कूलों में मिलेगा प्रवेश, जिला कलेक्टरों को निर्देश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के संक्रमण के कारण प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इनके साथ केन्द्रों में उनके बच्चे भी रह रहे हैं। राज्य सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के बच्चों की नियमित शिक्षा की व्यवस्था के लिए उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलाने का निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इस संबंध में कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि प्रवासी मजदूरों के बच्चों के नियमित शिक्षा के लिए उनकी जानकारी निर्धारित प्रपत्र में एकत्रित किया जाना आवश्यक है। इस प्रपत्र में बच्चे का नाम, आयु, जन्मतिथि, लिंग, पिता का नाम, माता का नाम, कहां से छत्तीसगढ़ वापस आए हैं, निवास स्थान का पूरा पता ग्रामीण क्षेत्र के लिए – गांव, पंचायत, विकासखण्ड, जिला तथा शहरी क्षेत्र के लिए मकान नंबर, मोहल्ला, वार्ड, शहर, जिला, बच्चा कितने वर्ष का और किस कक्षा में पढ़ता है, इस वर्ष किस कक्षा में प्रवेश लेना है, माता-पिता छत्तीसगढ़ में रहेंगे अथवा काम के लिए बाहर जाएंगे, बच्चा छत्तीसगढ़ में रहेगा अथवा माता-पिता के साथ बाहर जाएगा, कि जानकारी एकत्र की जाए। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि क्वारेंटाइन सेंटर छोड़ने के पूर्व प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में प्रपत्र अनुसार जानकारी एकत्र करा ली जाए। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही इस जानकारी की ऑनलाइन एन्ट्री के लिए साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा। तब तक यह जानकारी प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में एक पंजी में तैयार कराएं। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि सभी की जानकारी तैयार हो जाए। जिससे कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश से वंचित न रह जाए। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को भी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।

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