छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ दो-दो बार कोरोना मुक्त होने से चूके, सूरजपुर है एक और हॉटस्पॉट के कगार पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ को जैसे ही कोरोना महामारी की दृष्टि से सुरक्षित मानने का समय आता है ठीक उसी वक़्त 1-2 नहीं बल्कि गुच्छों में मरीज एक ही जगह से सामने आते हैं। छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि दो-दो बार कोरोना मुक्त होने के कगार पर पहुंच कर चूक गए। जैसे ही यहा मरीज़ कम होते गए, वैसे ही कहीं एक जगह से झुंड के रूप में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। इसके पूर्व कोरबा जिले के कटघोरा हॉटस्पॉट की क्षेणी से गुजर कर सुरक्षित ज़ोन में आया और छत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त होने का समय आया तो अब सरगुजा का एक छोटा जिला सूरजपुर प्रदेश में कोरोना हॉटस्पॉट बनने के खतरे दिखा रहा है।

आपको बता दें कि वहां रखे गए झारखण्ड के मजदूरों के एक शिविर में कल देर शाम एक कोरोना पॉजिटिव निकला और उसके बाद सूरजपुर में किये गए रैपिड-टेस्ट में 8-9 और लोग भी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। अभी इसकी अंतिम पुष्टि के लिए उनके नमूने रायपुर भेजे गए हैं, यहां एम्स या मेकाहारा की जांच के बाद पता चलेगा कि ये लोग सच ही कोरोना पॉजिटिव हैं, या रैपिड टेस्ट के रिजल्ट गलत थे।

सरकार में उच्च स्तरीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सूरजपुर जिले में सौ से कुछ अधिक मजदूरों को राजनांदगाव जिले से लाकर रखा गया था। ये सभी झारखण्ड के थे और महाराष्ट्र से झारखंड जाते हुए राजनांदगांव में रुके थे। चूंकि ये करीब 400 लोग थे, इसलिए कोई स्थानीय समस्या खड़ी न हो, इसलिए इन्हें अलग-अलग जिलों में भेजा गया था। सूरजपुर में सौ से कुछ अधिक लोग ले जाकर दो शिविरों में रखे गए थे इनमें से एक शिविर के 40 लोगों में से आज एक कोरोना पॉजिटिव निकला है। उसके बाद के रैपिड टेस्ट में 8 या 9 और लोग पॉजिटिव निकले। इन दोनों कैंपों को पूरी तरह सील कर दिया गया है और इनमें से हर किसी के नमूनों की रायपुर में जांच होगी। करीब 40 सैंपल रायपुर के लिए निकल गए हैं, जिनके नतीजे आने तक सरकार तनाव में है और सूरजपुर जिला एक खतरे का सामना कर रहा है।

जानकार सूत्रों से एक आशंका यह भी है कि राजनांदगांव जिले में जब ये सारे 400 लोग एक साथ थे, उस वक्त का यह संक्रमण न हो, वरना पता नहीं कितने पॉजिटिव निकलेंगे।

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