छत्तीसगढ

ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में विचरण करने वाले पशुओं को रखा जाएगा गौठानों में, राज्य शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश

रायपुर, 16 अगस्त। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में विचरण करने वाले पशुधन को गौठान में रखा जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में विचरण करने वाले पशुधन को गौठान में रखा जाएगा। रात्रि में भी इन पशुधन को गौठान में रखा जाएगा। पशुधन की देख-रेख की जिम्मेदारी गौठान समिति की होगी। गौठान में पशुधन से प्राप्त गोबर पर गौठान समिति का स्वामित्व होगा। खुले में विचरण करने वाले पशुधन को गौठान में पहुंचाने की जिम्मेदारी पंचायत सचिव की होगी। पशुधन विभाग द्वारा गौठान में पशुधन को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करायी जाएगी। गौठान में पशुधन के लिए चारे की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी गौठान समिति को दी गई है। प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं सचिव कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से राज्य के सभी संभागायुक्तों, सभी कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र भेजकर राज्य के सभी गौठानों में शासन के निर्देशों का पालन कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। गरूवा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में लगभग 4 हजार 23 गौठान बनाए गए हैं। इन गौठानों की गतिविधियों को विस्तार करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर गौ-पालन, गौ सुरक्षा तथा पशुपालकों को आर्थिक लाभ दिलाने के लिए 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है।

 

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