छत्तीसगढ

डॉ चरणदास महंत ने महात्मा गांधी की 151वीं जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री की 116 वीं जयंती पर किया स्मरण

रायपुर, 2 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री की 116 वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए स्मरण किया।

डॉ महंत ने कहा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने अथक प्रयासों के बल पर अंग्रेजो से भारत को आजाद कराया यही नहीं इस महापुरुष ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित में लगा दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पास सत्य और अहिंसा दो हथियार थे, जिन्होनें इसे भयावह और बेहद कठिन परिस्थितियों में अपनाया । शांति के मार्ग पर चलकर बड़े से बड़े आंदोलनों में आसानी से जीत हासिल की बल्कि बाकी लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बने ।

उन्होंने कहा, महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता और बापू जी के नामों से भी पुकारा जाता है, वे सादा जीवन, उच्च विचार की सोच वाली शख्सियत थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन सदाचार में गुजारा । वे अपने व्यक्तित्व का प्रभाव न सिर्फ भारत में ही बल्कि पूरी दुनिया में डाला। महात्मा गांधी कोई भी फॉर्मुला पहले खुद पर अपनाते थे और फिर अपनी गलतियों से सीख लेने की कोशिश करते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमेशा कहते थे, बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो । वे आदर्शों पर चलने वाले व्यक्ति थे और उनके जीवन के इन्हीं आदर्शों ने उन्हें राष्ट्रपिता की संज्ञा दिलवाई ।

विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, आज ही के दिन लाल बहादुर शास्त्री जी का भी जन्मदिन है लाल बहादुर शास्त्री को न सिर्फ एक सच्चे देशभक्त और महान स्वतंत्रता सेनानी के रुप में जाना जाता है, बल्कि उनकी छवि एक दूरदर्शी, ईमानदार और निष्ठावान राजनेता के रुप में है। जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान देश को कई संकटों से उबारा एवं देश की उन्नति एवं विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। शास्त्री जी ने दुग्ध उत्पादन की बढ़ोतरी के लिए ‘श्वेत क्रांति’को भी बढ़ावा दिया था।

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