छत्तीसगढ

दिल्ली दौरे की सरगर्मी पर विराम, छत्तीसगढ़ में CM बदलने पर कोई चर्चा नहीं

Change in Chhattisgarh : पूर्व CM रमन सिंह ने कसा तंज

नई दिल्ली/रायपुर, 24 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली दौरे को लेकर कई कयास लगाये जा रहे थे। लेकिन राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद सारे कयास काफूर हो गए हैं। बैठक से निकलने के बाद प्रभारी पुनिया, CM भूपेश और मंत्री सिंहदेव ने बयान दिया जिसमे केवल छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में बाते होना बताया गया।

दरअसल, सोमवार को CM भुपेश अपना जन्मदिन मनाने के बाद देर शाम दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।वहीं मंत्री सिंहदेव पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे। प्रभारी पील पुनिया द्वारा भूपेश बघेलऔर सिंहदेव को एक साथ बुलाए जाने की खबर को प्रदेश में ढाई-ढाई साल के CM मुद्दे को और भी बल दिया। सभी की नजरें आज की बैठक पर टिकी रही।

दिल्ली में CM भूपेश बघेल सुबह आलाकमान राहुल गाँधी से मिलने अकेले ही पहुंचे। इसके बाद प्रभारी पुनिया के साथ सिंहदेव दिल्ली दरबार में पहुंचे थे। दोनों के अलग अलग पहुँचने को लेकर भी कई सवाल उठाये जा रहे थे। लेकिन सभी सवालों को धराशाई कर दिया गया।

प्रदेश के राजनीतिक परिवेश पर चर्चा-पुनिया

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पीएल पुनिया,मुख्यमंत्री भुपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की चर्चा करीब घंटे भर बंद कमरे में चली। बैठक समाप्त होने के बाद जैसे ही पील पुनिया बाहर निकले तो मीडिया ने सवालों का बौछार कर दिया। मीडिया से चर्चा के दौरान हालांकि तीनो ही नेता एक साथ दिखे। पीएल पुनिया ने बड़े ही संजीदगी से कहा कि बैठक में केवल छत्तीसगढ़ की गतिविधियों पर चर्चा हुई है। पुनिया ने कहा प्रदेश के राजनीतिक हालातों पर कार्यक्रम बनाने पर चर्चा हुई है। छत्तीसगढ़ के हर संभाग के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई,जिसमे राजनीतिक परिवेश महत्वपूर्ण था। पुनिया ने साफ तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है और न ही किसी ने इस मुद्दे पर राहुल गाँधी से बात की।

भूपेश-सिंहदेव का एक ही बयान

मंत्री सिंहदेव ने भी पुनिया के बात को ही दोहराया। सिंहदेव ने भी मीडिया से चलते चलते ही बात की। उन्होंने भी कहा कि आज की बैठक में प्रदेश के विकास और गतिविधियों के संदर्भ में चर्चा हुई। सिंहदेव ने कहा राहुल गांधी ने किसानों को लेकर गंभीर चर्चा की है। यही आज की बैठक का फोकस था।

वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली में मीडिया से चर्चा करने से पहले तो बचते रहे। लेकिन आखिरकार उन्होंने भी बैठक को छत्तीसगढ़ के संदर्भ में होना बताया। CM भूपेश की माने तो मुलाकात सामान्य थी, इसमें पार्टी के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई है और राजनीतिक परिदृश्य ही सर्वोपरि रहा।

सरकार के कार्यों पर फोकस

माना जा रहा है कि मंगलवार को दिल्ली दरबार में छातीसगढ़ के नेताओं की ये बैठक 2 साल तक कोरोना का संकट रहने के बाद सीधे तौर पर आलाकमान से पहली बार हो रही है। कहा जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति पर कोई चर्चा सोनिया या राहुल से नहीं हुई थी। यही कारण है कि मंगलवार को हुई बैठक काफी सार्थक रहा है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में राहुल गांधी ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के द्वारा अब तक किए गए कार्यों का लेखा-जोखा लिया। सबसे बड़ी बात यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी पुनिया के समन्वय में पार्टी के दोनों नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रिमंडल के सबसे अधिक कद्दावर नेता के साथ राहुल गांधी की चर्चा हुई, जिसमे अब प्रदेश में इंप्लीमेंट प्रबल बनाने का निर्देश दिया गया ताकि 2023 में विधानसभा और 2024 में लोकसभा में कांग्रेस मजबूत स्थिति में रहे। दोनों नेताओं के रायपुर पहुँचने के बाद विकास के दौर का नया अजेंडा बनेगा और उसे मूर्त रूप भी दिया जायेगा।

रमन सिंह ने ली चुटकी

प्रदेश में ढाई-ढाई साल के मुद्दे पर भाजपा को फिर बैठे-बिठाए मुद्दा दिखने लगा है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि दिल्ली से जिन्हे उम्मीद है वो वहाँ टीके हुए हैं, हम दर्शक दीर्घा में बैठे केवल समय का इंतजार कर रहे हैं कि ऊंट किस करवट बैठता है। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस नेतृत्व को भलीभांति मालूम है कि उन्होंने अपने नेताओं से CM बनाये जाने को लेकर क्या वादा किया था। बार बार मुद्दा उठना इस बात को गंभीर तो बनाता है।

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