छत्तीसगढ

दोनों चित्र का अंतर: मोदी-रमन चुनाव जीतने पहनाते चरणपादुका, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मजदूरों का ख्याल रखने पहनते हैं चरणपादुका

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संवेदनशील मुख्यमंत्री है सभी वर्गों का ख्याल रखते हैं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं सभी वर्गों का ख्याल रखते हैं लाक डाउन के दौरान प्रदेश के बाहर फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों के लिए खाने-पीने रहने एवम् घर वापसी का प्रबंध किए।वहीं पैदल चलते भूखे प्यासे बेबस भटकते छत्तीसगढ़ सीमा में पहुंचे दूसरे राज्यों के मजदूरों को भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार और कांग्रेस के कार्यकर्ता खाना खिला रहे हैं चरणपादुका पहना रहे हैं और गाड़ियों में बैठाकर उनके गृहराज्य तक पहुंचा रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने दो तस्वीर जारी कर कहां की कांग्रेस और भाजपा की सोच में यही अंतर है। भाजपा चुनाव के वक्त फायदे के लिए मजदूरों का हमदर्द बनती है और कांग्रेस के नेता हर वर्ग के सुख दुख में सदा साथ रहते हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार के नाकामी के कारण देशभर में सड़कों में रेल पटरियों में भूखे प्यासे भटकते मजदूरों के दयनीय हालात को देखते हुए भाजपा पर तंज कसते हुए पूछा भाजपा की संवेदना मर गई है या सिर्फ चुनाव के समय ही गरीब मजदूर के प्रति संवेदना जागती है ? मुख्यमंत्री रहते सरकारी पैसे से भव्य आयोजन कर मोदी के हाथों तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को चरणपादुका पहनाने और श्रवण यंत्र भेंट कराने वाले रमन सिंह के कानों में मजदूरों की वेदना सुनाई नहीं दे रही है? डॉ रमन सिंह को मोदी सरकार के मनमानी हठधर्मिता और जिद के चलते घर वापस आने सड़कों पर भटक रहे भूखे प्यासे डरे सहमे मजदूरों के पैरों के फफोले वास्तव में दिख रहे हैं? या मोदी सरकार के आपदा में अवसर तलाशने की सूत्र के आधार पर डॉ रमन सिंह मजदूरों के पैरों के छाले के नाम से मात्र भाजपा की राजनीतिक मंशा को पूरा कर रहे हैं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार और कांग्रेस के नेतागण लाक डाउन के पहले दिन से लेकर आज तक सभी वर्गों को राहत पहुंचाने में दिन-रात जुटे हैं चाहे गरीबों को राशन पहुंचाना हो खाने-पीने का पैकेट देना हो रहने का प्रबंध करना हो या घर वापस पहुंचाना हो पूरी संवेदनशीलता के साथ अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं और भाजपा के नेता अखबारों में मीडिया में बयानबाजी कर अपनी संवेदनशीलता प्रकट कर रहे हैं।

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