छत्तीसगढ

नगर निगमों के बढ़े वित्तीय अधिकार, राजपत्र सूचना के अनुसार तीन श्रेणियों में बांटा गया

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के नगर निगमों के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोत्तरी की गई है। इन संस्थाओं में कार्य संचालन के लिए नगर पलिक निगम आयुक्त, मेयर इन काउंसिल और निगम को नए सिरे से वित्तीय अधिकार देने के संबंध में अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है।

राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार नगर पलिक निगम को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। दस लाख से अधिक की जनसंख्या, तीन लाख से अधिक किन्तु दस लाख से कम और तीन लाख तक की श्रेणी में बांटा गया है तथा नगर पालिक आयुक्त, मेयर इन काउंसिल और निगम के नई वित्तीय अधिकार की सीमा निर्धारित कर दी गई है।

दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम में नगर पालिका आयुक्त को 75 लाख रूपए तक, मेयर-इन-काउंसिल को 75 लाख से 3 करोड़ तक, निगम को 3 करोड़ रूपए से 5 करोड़ रूपए तक वित्तीय अधिकार दिया गया है। इसी प्रकार तीन लाख से अधिक तथा दस लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम में नगर पालिका आयुक्त को 50 लाख रूपए तक, मेयर इन काउंसिल को 50 लाख से डेढ़ करोड रूपए तक और निगम को डेढ़ करोड़ रूपए से 5 करोड रूपए तक वित्तीय अधिकार दिया गया है। तीन लाख तक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगम में नगरपालिक आयुक्त को 25 लाख रूपए तक, मेयर इन काउंसिल को 25 लाख से एक करोड़ रूपए तक और निगम को एक करोड़ से 3 करोड़ रूपए तक का वित्तीय अधिकार दिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा वित्तीय अधिकार देने के संबध में नगर पालिक निगम अधिनियम-1956 की धारा 37 तथा धारा 73 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम-1961 की धारा 70 तथा 110 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए छत्तीसगढ़ नगर पालिका मेयर इन काउंसिल, प्रेसीडेन्ट इन काउंसिल के काम-काज के संचालन तथा प्राधिकारियों नियम-1998 में संशोधन कर राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की गई है।

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