छत्तीसगढ

नागरिको को शुद्ध जल देने के लिए जलशोधन संस्थान ने किया कई बार परीक्षण

रायपुर, 4 सितंबर। नगर पालिक निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, आयुक्त प्रभात मलिक, जलकार्य विभाग अध्यक्ष सतनाम सिंह पनाग ने नागरिकों को जानकारी देते हुए बताया कि रायपुर जलशोधन संस्थान रायपुर नगर की एक ऐतिहासिक संस्था है।

वर्ष 1891 (ब्रिटिश काल) में प्रथम जलप्रदाय रायपुर नगर में प्रारंभ हुआ था। इसके पश्चात् प्रथम आगुमेंटेंशन वर्ष 1929 में व जब रायपुर नगर में प्रथम बार ओव्हरहेड तारों से विद्युत प्रदाय की स्थापना हुई। तब रायपुर नगर को स्टीम बाॅईलर एवं जनरेटर के माध्यम से विद्युत जनरेटर एवं पंप का संचालन होता था एवं शुद्धिकृत पेयजल का प्रदाय नलघर स्थित ग्राउंड रिजर्व वाटर तक पंप करके किया जाता था। तब से लेकर अनवरत वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ जलशोधन संयंत्र के नवीनीकरण का एवं लंबा इतिहास रहा है।

जलशोधन संयंत्र का अपग्रेडेशन एवं आगुमेंटेशन कार्य वर्ष 1951,1962,1984,1991 2011 तथा 2017 (अमृत मिशन) तक सतत् जारी है।
उपरोक्त अपग्रेडेशन एवं आगुमेंटेशन की प्रक्रिया में सर्वप्रथम नगर की बढ़ती हुई जनसंख्या के आंकलन पर जलप्रदाय की मात्रा का पूर्व में आंकलन किया जाता है। जिसके अनुकूल जलस्त्रोत की उपलब्धता एनीकट का निर्माण होता है इसके साथ ही साथ इंटेकवेल निर्मित किया जाता है, ताकि आवश्यक अशुद्ध जल की मात्रा को पंपिंग किया जा सके। इंटेकवेल में डिजाईन के अनुरूप पम्पो की स्थापना की जाती है।

वर्ष 1962 से ही अशुद्ध जल पंप करने हेतु वर्टिकल टर्बाइन पंप का उपयोग रायपुर नगर को जलप्रदाय हेतु किया गया है। वर्ष 1984, 1991 तथा 2011 में क्रमशः क्षीर, नीर, सागर, सरिता इंटेकवेल की स्थापना इस उद्देश्य से की गई, जिससे सतत् जलशोधन संयंत्र को अशुद्ध जलपंप किया जा सके। जलशोधन संयंत्र में 1984 तक बढ़ चुके जलसंयंत्र की क्षमता 47.5 एमएलडी, 1991 में 80 एमएलडी, 2011 में 150 एमएलडी तथा 2017 में पुनः 80 एमएलडी (निर्माणाधीन) है।

इस प्रकार जलशोधन संयंत्रों की वर्तमान क्षमता 277.5 एमएलडी है। जिसके कि भविष्य में दिसंबर 2021 तक 310 एमएलडी अपग्रेड किये जाने का लक्ष्य है। यह कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। निर्माणाधीन जलशोधन संयंत्र एवं वर्तमान के 80 एमएलडी तथा 150 एमएलडी में अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण तथा आटोमेशन स्काडा पीएलसी सहित कार्य भी किया जा रहा है, जो कि आज के जलशोधन संयंत्र के राष्ट्रीय मानक तथा आवश्यकताओँ के अनुकूल है।

इतना ही नहीं, इन जलशोधन संयंत्र में अशुद्ध जल को पूर्णतया शुद्ध करने हेतु सीपीएचईईओ तथा डब्ल्यूएचओ मानकों के अनुरूप समस्त स्थापनायें यथा केसकेडेटर, आटो क्लैारीफ्लाक्कुलेटर, फ्लैश मिक्सर, केमिकल हाऊस, वाॅष वाटर टैंक, क्लीयर वाटर संपवेल, क्लीयर वाटर पंप हाऊस, क्लीयर वाटर मोटर पंपसेट्स, विद्युत सबस्टेशन सभी आधुनिक मापदंड एवं गुणवत्तानुसार स्थापित है, क्योंकि जलशोधन संयंत्र का संचालन 24 घंटे 365 दिन लगातार किया जाना होता है।

जलशोधन संयंत्र से लगातार 24 घंटे 365 दिन जलप्रदाय होता है। जिसकी प्रत्येक घंटे गुणवत्ता की जाॅच होती है, जैसे – टर्बिडिटी, पी.एच., रेसीड्यूअल क्लोरिन एवं साप्ताहिक एवं मासिक तौर पर भी अन्य केमिकल एवं फिजिकलएवं बैक्टिरियोलाॅजिकल टेस्ट किए जाते हैं एवं सीपीएचईईओ के मापदंडों के अनुरूप ही वाटर क्वालिटी मैंटेन कर जलप्रदाय किया जाता है।
शहर में औसतन प्रत्येक दिन 250 रेसीड्यूअल क्लोरिन टेस्ट किया जाता है, जिसमें शहर के ओव्हर हेड टैंक एवं शहर के टेलएंड प्वाईंट्स एवं फिल्टर प्लांट सम्मिलित है सीपीएचईईओ मेनुअल अनुसार प्रत्येक 15 लाख की आबादी पर औसतन 5 सैंपल प्रतिदिन का एम.पी.एन. परीक्षण करने का उल्लेख है, लेकिन औसतन 25-30 जल नमूनों का एम.पी.एन. परीक्षण किया जा रहा है।

महापौर श्री ढेबर, आयुक्त श्री मलिक, जलकार्य विभाग अध्यक्ष श्री पनाग ने कहा कि अद्यतन में रायपुर नगर में कुल 38 ओव्हर हेड टेंक स्थापित है। दो लाख 16 हजार घरों में नल कनेक्शन्स दिए हैं । आवश्यकता होने पर कुछ स्थानों पर सार्वजनिक स्थानों पर भी नल कनेक्शन्स दिए हैं, रायपुर नगर के जलप्रदाय के साथ-साथ रायपुर राजधानी के समस्त व्ही.आई.पी क्षेत्रों में भी इसी जल संस्थान से पेयजल का प्रदाय होता है। उपरोक्त जलशोधन संस्थान से राष्ट्रीय मानक यथा सीपीएचईईओ मापदंड के अनुसार लगातार जल का अनेक बार परीक्षण किया जाकर ही नागरिकों को शुद्ध जलप्रदाय किया जाता है।

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