छत्तीसगढ

निजी अस्पताल सेवा भावना के साथ न्यूनतम चार्ज से कोविड मरीजों का करें इलाज…कमिश्नर ने कलेक्टरो को पत्र लिख कर प्रेरित करने और व्यवस्था बनाने को कहा

रायपुर, 15 सितम्बर। कमिश्नर रायपुर जी आर चुरेंद्र ने संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरो को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि जिला, विकासखण्ड व अन्य स्तर पर जो भी निजी अस्पताल संचालित है उनसे सेवा भावना के साथ ईलाज का न्यूनतम चार्ज लिये जाने के लिए प्रेरित करें और समुचित कार्यवाही करें, जिससे आम जनता व कोविड बीमारी से पीड़ित परिवारों को राहत मिले।

कमिश्नर ने अपने पत्र में ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा है कि जनता व प्रतिनिधियों की ओर से यह शिकायत आ रही है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान निजी अस्पतालों में भी मरीजों का ईलाज हो रहा है लेकिन कोविड टेस्ट के नाम पर विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के त्वरित ईलाज में विलंब हो रहा, जिससे कई बार गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों का निधन भी हो जाता है। निजी अस्पताल संचालकों द्वारा समुचित प्रशारानिक नियंत्रण के अभाव में विभिन्न प्रकार के बीमारियों और कोविड के ईलाज के नाम पर बड़ी राशि वसूलने की शिकायत भी आ रही है।
कोरोना संक्रमण काल में आम जनता की आर्थिक स्थिति और क्रय क्षमता भी प्रभावित हुई है।आर्थिक एवं सामाजिक असमानता बढ़ने से कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे स्थिति में गरीबों, जरूरतमंदों व प्रभावित परिवारों को तथा बीमारी से ग्रस्त परिवारों को शासन -प्रशासन का संबल प्राप्त होना आवश्यक है।

कमिश्नर ने पत्र में कहा है कि जिले के अंतर्गत जिन निजी अस्पतालों में कोविड -19 के मरीजों को उपचार करने की सुविधा दी गई है, ऐसे सभी अस्पतालों का सूचीकरण कर उसके द्वारा मरीजों के किये जा रहे उपचार या लिये जा रहे उपचार राशि की जानकारी प्रतिदिन लिये जाने की व्यवस्था बनाई जावे । मरीजों के परिवार से भी संपर्क कर इसकी पुष्टि की जाए। यदि कोविड 19 के बीमारी के ईलाज के नाम पर अधिक राशि का वसूली की जानकारी प्राप्त होती है तो वह राशि मरीज परिवार को वापस कराई जावे।

कमिश्नर ने इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में निजी अस्पताल के संचालकों की प्रथम बैठक भी आयोजित करने को कहा है, जिससे औचित्यपूर्ण दर पर निजी अस्पतालों से मरीजों की उपचार की व्यवस्था बनाई जावे। इसी तरह सभी अस्पताल प्रबंधन को सेवा भावना के साथ हर तरह के बीमारी के मरीजों का उपचार मानवता को ध्यान में रखते हुए किये जाने प्रेरित किया जाए।

कमिश्नर ने इसके लिए बनाई गई व्यवस्था को क्रियान्वित करने के दृष्टि से जिले स्तर पर एक टीम गठित किया जाये, जिसका अध्यक्ष अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को रखा जावे। यह समिति समय -समय पर निजी अस्पतालों में मरीजों के उपचार गतिविधियों का ऑकलन करने निरीक्षण करेंगें, साथ ही निजी अस्पतालों के संचालकों की आवश्यकतानुसार मासिक बैठक लेकर समीक्षा करेंगें और मरीजों का औचित्यपूर्ण दर पर ईलाज की व्यवस्था बनायेंगें। इसी तरह की समिति विकासखण्ड मुख्यालय या अन्य नगरीय क्षेत्र के लिए भी गठित कराकर कार्य कराने के निर्देश दिए है।

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