पत्थलगाँव में आदिवासी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात से प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था चौपट होना प्रमाणित : भाजपा
रायपुर, 3 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व संसद सदस्य (राज्यसभा) रामविचार नेताम ने प्रदेश में गैंगरेप के लगातार आपराधिक मामलों को लेकर प्रदेश सरकार और उसके गृह मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। श्री नेताम ने कहा कि कोरबा ज़िले के लेमरू ज़ंगल में एक संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति परिवार के साथ हुए गैंगरेप व एक ही परिवार के तीन लोगों की निर्मम हत्या के हादसे को भूल भी नहीं पाया था कि रायगढ़ ज़िले के पत्थलगाँव में आदिवासी स्कूली छात्रा के साथ हुई एक और सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने सिद्ध कर दिया है कि प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था चौपट हो चुकी है और प्रदेश में आदिवासी बच्चियों से लेकर महिलाओं तक को अपनी अस्मत और जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। श्री नेताम ने कहा कि पत्थलगाँव में आदिवासी स्कूली छात्रा के साथ गैंगरेप को अंजाम देने वाले शेष 07 आरोपियों को भी तुरंत गिरफ़्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए।
भाजपा सांसद श्री नेताम ने कहा कि ख़ुद को कभी कुशल घुड़सवार बताने वाले सत्ताधीशों का अब प्रदेश की माँ-बहनों की अस्मत रौंदते अपने घोड़ों पर क़ाबू नहीं रह गया है। एक बेबस और लाचार सरकार इस प्रदेश को अराजकता और अपराधों की अंधेरी गलियों में भटकने के लिए मज़बूर कर रही है, और बावज़ूद इसके उसका सत्तावादी अहंकार और झूठ-फ़रेब का सियासी चरित्र प्रदेश को ग़ुमराह करने की नाकाम कोशिशों से बाज नहीं आ रहा है। श्री नेताम ने कहा कि आदिवासियों के हितों की रक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के सरकारी दावे खोखले साबित हो चले हैं। महिला सशक्तिकरण का नारा इस प्रदेश सरकार की सियासी जुमलेबाजी ही बनकर रह गया है। जो सरकार अपने प्रदेश में आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा तक नहीं कर पा रही है, प्रदेश के आदिवासी किसानों के साथ दग़ाबाजी करने में जिसे लज्जा तक नहीं आई हो, उस सरकार से आदिवासियों के साथ ही प्रदेश के किसी भी वर्ग की सुरक्षा और हितों के संरक्षण की उम्मीद करना ही बेमानी है। श्री नेताम ने कहा कि नागरिकों को सुरक्षा देने के दायित्व का पालन नहीं करने वाली सरकार को तो सत्ता में बने रहने का कोई हक़ ही नहीं रह जाता है।
भाजपा अजजा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व संसद सदस्य श्री नेताम ने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार आई है, आदिवासियों को क़दम-क़दम पर ज़हालत, दरिंदगी और नाइंसाफ़ी ही झेलनी पड़ रही है। प्रदेश के हर ज़िलों में सभी वर्ग के लोग इसी त्रासदी से गुज़र रहे हैं। आदिवासियों, किसानों, बेरोज़गारों और महिलाओं के साथ झाँसेबाजी करके कांग्रेस सत्ता में तो आ गई, लेकिन इन्हीं लोगों पर अब अत्याचार, अन्याय और हैवानियत की सारी हदें लांघी जा रही हैं। प्रदेश में अपराधियों का आतंकराज क़ायम हो गया है और आम आदमी हर क़दम पर ख़ुद को असुरक्षित पा रहा है। श्री नेताम ने कहा कि प्रदेश के एक मंत्री तो बलात्कार के ऐसे मामलों को ‘छोटा-मोटा अपराध’ बताने की धृष्टता कर चुके हैं और स्मार्ट पुलिसिंग की जुमलेबाजी की जुगाली करते प्रदेश के गृह मंत्री बलात्कार व अन्य सभी अपराधों को क़ानून-व्यवस्था का मसला ही मानने को तैयार नहीं हैं! ऐसी सरकार के हाथों में प्रदेश का भविष्य कितना सुरक्षित है, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। श्री नेताम ने कहा कि प्रदेश हर मोर्चे पर भूपेश-सरकार के नाकारापन को झेलने के लिए विवश है और सरकार व सत्तारूढ़ दल के लोग सियासी नौटंकियों में मस्त हैं।