छत्तीसगढ

पूर्व CM की अकूत सम्पत्ति सहित अनेक भ्रष्टाचारों की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस नेता विनोद तिवारी पहुंचे EOW

रायपुर, 7 जुलाई। डॉ रमन सिंह व उनके परिवार के द्वारा अर्जित की गई अनुपातहीन सम्पत्ति तथा करोडो के भ्रष्टाचार की शिकायत कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) से की है शिकायत पत्र में कहा गया की, पूर्व मुख्यमंत्री  डॉ रमन सिंह द्वारा अपने कार्यकाल में अकूत सम्पत्ति अर्जित की गई तथा अनुपात विहीन आय से अधिक सम्पत्ति धारण किया गया है तथा उन्होंने विभिन्न निर्वाचन के दौरान प्रस्तुत किये गए आवेदन पत्र व शपथ पत्र में झूटी भ्रामक तथा तथ्यहीन जानकारियाँ देकर न केवल शासन को गुमराह  किया बल्कि शासन को करोड़ो रू के राजस्व  की हानि भी पहुंचाई, डॉ रमन सिंह व उनके पुत्र अभिषेक सिंह द्वारा निर्वाचन आवेदन में प्रस्तुत सम्पत्ति के स्रोतों की जानकारी भी छुपाई गई जिसका विस्तृत विवरण निम्न बिन्दुओं में प्रस्तुत है।
डॉ रमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री छ.ग. शासन द्वारा अपने निर्वाचन हेतु अभ्यर्थी का आवेदन मय शपथ पत्र वर्ष 2008, 2013 एवं 2018 में निर्वाचन आयोग के समक्ष अपने एवं अपने आश्रित पत्नि श्रीमती वीणा सिंह के आय एवं धारित सम्पत्ति का विवरण दिया गया है, जो कि चुनाव आयोग की वेब साईट पोर्टल पर मौजूद है निम्न है।

वर्ष 2008 डॉ रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अपना निर्वाचन पद विधानसभा क्र. 75 राजनंदगांव भरा गया था एवं स्वयं के द्वारा धारित सम्पत्ति के रूप में नगद 7,00,000रु लगभग  एवं जमा राशि 6,03,000रू लगभग तथा फिक्स डिपोजिट के रूप में 4,00,000 रूपये लगभग होने का शपथ पत्र दिया गया था। इसी प्रकार अपने स्वयं के पास 23 तोला सोना का आभूषण, एवं 4 कि. ग्राम चांदी तथा अन्य मद में 2,35,731 रूपये लगभग  होने संबंधी कथन किया गया था।

इसी प्रकार ग्राम ठाठापुर में स्वयं का 7.19 एवं कृषिभूमि कवर्धा में 2400 वर्गफीट का भवन एवं छ.ग. गृह निर्माण मंडल में 8634 वर्गफीट का आवासीय भूमि होना उल्लेख किया गया तथा अविभाजित हिन्दू परिवार की 15.44 एकड़ भूमि होने उल्लेख किया गया है।

निर्वाचन आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में अपने आश्रित के रूप में पत्नि श्रीमती वीणा सिंह की सम्पत्ति का निम्न विवरण दिया गया है नगद 4,37,148 रूपये जमा 39.888 फिक्स्ड डिपाजिट 7,50,000रू तथा सोना 55 तोला, चांदी 8 किलोग्राम एवं 7 कैरेट हिरा होने का उल्लेख किया गया है। इसी प्रकार ग्राम सगोना में 68.96 एकड़ कृषि भूमि होने संबंधी घोषणा की गई थी। डॉ रमन सिंह द्वारा अपने पुत्र एवं पुत्री को आश्रित होने का उल्लेख नही किया गया है नाही उनके द्वारा धारित सम्पत्ति की घोषणा की गई है।

डॉ रमन सिंह द्वारा पुनः वर्ष 2013 में निर्वाचित क्र. 75 राजनंदगांव के रूप निर्वाचन पत्र भरकर अपने एवं अपने पत्नि के द्वारा धारित सम्पत्ति की घोषणा की गई जिसके अनुसार स्वयं के पास 75,000 रु नगद तथा विभिन्न बैंको में 22,80,236 जमा होने शेयर 36,140 एवं 25000 तथा 7,31,030 रूपये लोन के रूप में दिया दिए जाने 48,3401 आयकर विभाग से वापसी के रूप में आय का उल्लेख किया गया है। अपने आय के रूप में 32,08,347 रू अविभाजित हिन्दू परिवार की आय का उल्लेख किया गया है।
इसी प्रकार अपने स्वयं के पास 57 तोला सोना एवं 4 कि.ग्राम चांदी होने का उल्लेख किया गया है एवं भवन निर्माण में 76,2600 व्यय करना दर्शाया गया है।
डॉ रमन सिंह द्वारा अपने आश्रित पत्नि का सम्पत्ति लगभग 38,00,000 रूपये नगद बैंको में जमा तथा शेयर के रूप में सम्पत्ति होने का उल्लेख किया गया है। 217 तोला सोना 18 कि. ग्राम चांदी एवं 7.5 कैरेट का हीरा के रूप में सम्पत्ति तथा कृषि भूमि आदि होने का उल्लेख किया गया है।
वर्ष 2018 में पुनः डॉ रमन सिंह द्वारा निर्वाचन पद में स्वयं के पास नगद एवं विभिन्न बैंको में जमा राशि के रूप में 99,55,590 रूपए एवं सुधा ट्रस्ट को उधारी के रूप में 52,24,305 देने का उल्लेख किया गया है तथा 57 तोला सोना 4 कि. ग्राम चांदी एवं अविभाजित हिन्दू परिवार का 19 तोला सोना एवं पूर्व में एस.बी.आई बैंक से लिए गए कर्ज 28,18,031 का भुगतान कर ऋण के रूप में मात्र 3950 रूपये शेष दर्शाया गया है।

इसी प्रकार अपने आश्रित श्रीमती वीणा सिंह के पास नगद व विभिन्न बैंको में जमा राशि के रूप में  37,03,854 रूपये धारित करने का उल्लेख किया गया है एवं 253 तोला सोना 18 कि.ग्राम चांदी एवं 7.5  कैरेट हीरा के रूप में धारित करने का उल्लेख किया गया है।
यह कि डॉ रमन सिंह वर्ष 2003 से वर्ष 2018 तक छ.ग. शासन के मुखिया मुख्यमंत्री के रूप पदस्थ  रहकर विभिन्न विभागों का प्रभार अपने पास रखे हुए थे। डॉ रमन सिंह लोक प्रतिनिधि होकर मुख्यमंत्री होने के नाते लोक सेवक के श्रेणी में आते है एवं लोक सेवक का पद धारण करते थे। जिन्होंने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में असीमित मात्रा में ज्ञात स्रोतों से भिन्न स्रोतों से आय अर्जित कर किया गया है जो उपरोक्त लिखित तथ्यों से स्वरुप दर्शित होता है कि  डॉ रमन सिंह एवं उनकी पत्नि के द्वारा वर्ष 2008 में 38,50,000 रूपये नगद एवं बैंको में जमा बताया गया (19.38,000 रू सवयं 16,12,300 रू अपने पत्नि) 23 तोला सोना स्वयं का 55 तोला सोना अपने पत्नि का 4 कि.ग्राम चांदी सवयं का एवं 8 कि.ग्राम चांदी अपने पत्नि के पास भूमि एवं अपने पत्नि के पास 68.96 एकड़ कृषि भूमि एवं अपने 1134 वर्ग फुट गैर कृषि भूमि होने का कथन किया गया था।
जबकि वर्ष 2013 लगभग 5 वर्ष पश्चात् उनकी सम्पत्ति 19,38,000 रू नगद एवं जमा राशि बढ़कर  53,56,303 रू तथा कुल 1,29,82,303 रू जो कि लगभग 5 गुना नगद एवं जमा राशि में व्रिद्धिहुआ है जिसमे सवयं एवं अपने परिवार पर किए व्यय को उल्लेख नही है ठीक उसी प्रकार उनके आश्रित पत्नि का नगद एवं जमा राशि में भी भारी भरकम वृद्धि  है जो कि 16,12,300रू लगभग से बढ़कर 38,00,000रू लगभग हो गई थी। डॉ रमन सिंह के 41 वर्ष 2008 में मात्र 23 तोला सोना एवं चांदी 8 कि.ग्राम से बढ़कर 18 कि.ग्राम सोना धारित करती थी जो कि उनके एवं उनके आश्रित की आय में आश्चर्यजनक व्रिद्धिहै ज्ञात श्रोतो से प्राप्त होने वाले आय से कई गुना अत्वाधिक है।
इसी तरह  डॉ रमन सिंह की आय में  पुनः मुख्यमंत्री रहने के दौरान अप्रत्याशित व्रिद्धि होकर वर्ष 2018 में नगद जमा राशि तथा दिए गई उधारी लगभग 1,51,79,895 रूपये लगभग हो गई एवं 28,18,031 रूपये लगभग ऋण चुकाया  गया है जो कि  कुल लगभग 1,79,97,926 रूपये लगभग  लगभग (एक करोड़ उन्यासी लाख सनतानबे हजार नौ सो छब्बीस) जो वर्ष 2008, 2013 से कई गुना अत्यधिक है उनके आश्रित पत्नि का आय भी कई गुना बढ़कर 37,03,854 रुपय लगभग हो गई इसी प्रकार डॉ रमन सिंह एवं उनकी पत्नि की सम्पत्ति सोने चांदी के रूप में भी 2013 कि तुलना में लगभग 55 तोला बढ़ गयी है जो की किसी भी प्रकार से ज्ञात स्रोतों  से कई गुना अत्यधिक है जो की निश्चित रूप से जांच का विषय है एवं गंभीर अपराध है।
डॉ रमन सिंह ने सोने व चांदी के मूल्यों  के बारे में भी मनगढ़त और गलत  जानकारियाँ प्रस्तुत की जैसे 2008 में सोने का मूल्य 12500 रुपय प्रति तोला थी जबकि डॉ रमन सिंह द्वारा 21739 रु प्रति तोला शपथ पत्र में दर्शाई गई  है। अंतर की राशि 9239 प्रति तोला है कुल 23 तोला सोना में  212497 रु लगभग कीमत बढ़ाकर दिखाई गई है, इसी तरह 2013 में चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में 34 तोला की वृद्धि दिखाई गई है, वर्ष 2013 में सोने का मूल्य 29600 रू प्रति तोला था जबकि डॉ रमन सिंह ने सोने की कीमत 46315 रू प्रति तोला मूल्य दर्शाया है, इस तरह प्रति तोला 16715 रू की अधिक राशि दर्शाई गयी है। कुल मूल्य 568310 रू लगभग बाजार मूल्य से अधिक दर्शाया गया है, इसी शपथ पत्र में श्रीमती वीणा सिंह द्वारा 162 तोला सोने के आभूषणों में वृद्धि दर्शाई गई जिसकी अनुमानित कीमत 6032070 रू होती है एवं चांदी 8 किलो से बढकर 18 किलो दर्शाई गई है, 10 किलो चांदी का अनुमानित मूल्य 468288 रू लगभग है।
इस तरह लगभग 6470000 रू की सोने चांदी के जेवरात क्रय करना दर्शाया गया है। सोने के मूल्य व बाजार मूल्य में अंतर 7635 रू लगभग है इस तरह 217 तोला सोना में 1236870 रू लगभग की कीमत अधिक बताई गई है। 2018 के शपथ पत्र में भी सोने की कीमत 47807 रू लगभग प्रति तोला के अनुसार गणना की गई है जबकि बाजार मूल्य 32278 रू लगभग था कुल अंतर 15529 रू प्रति तोला है इस प्रकार डॉ रमन सिंह ने 885153 रू लगभग का मूल्य अधिक बताया है। इसी शपथ पत्र में पत्नि श्रीमति वीणा सिंह के प्रकरण में सोने की कीमत 28297 रू प्रति तोला और कुल 235 तोला का अनुमानित मूल्य 90 लाख रू बताया गया है जबकि उस समय  वास्तविक मूल्य 32178 रू लगभग था इसमें की 3981 रू का अंतर है और कुल 235 तोला सोने की कीमत में 935535 रू का अंतर दर्शाया गया है। इस तरह सोने व चांदी की मनगढ़ंत  कीमत दर्शा कर मिथ्या भ्रामक और गलत जानकारियाँ प्रस्तुत की गई, करोडो रुपय के आभूषण क्रय करना और उनकी भ्रामक जानकारी देना अनेको संदेह को जन्म देता है।

इसी प्रकार डॉ रमन सिंह के पुत्र एवं पुत्र वधु द्वारा उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान कोरोड़ो की सम्पत्ति अर्जित की गई है जो लगभग 3,09,44,207 रू (तीन करोड़ नौ लाख चौरालिस हजार दो सौ सात) एवं दोनो के पास 1,41,49,000 रू कि कृषि भूमि तथा वृहद् मात्रा में सोना चांदी के रूप  में आय अर्जित की गई है।
उपरोक्त समस्त सम्पत्ति स्वयं डॉ रमन सिंह उनकी पत्नि श्रीमती विणा सिंह पुत्र अभिषेक सिंह एवं पुत्र वधु ऐश्वर्या सिंह अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान आम जनता से धोखा धडी भ्रष्टाचार कर आय अर्जित की गई है जो संगीन अपराध कि श्रेणी में आता है।
डॉ रमन सिंह एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बंधित है। उनके पिता वकालत करते थे। उनकी भी आय का कोई विशेष स्रोत नही था। श्री सिंह के परिवार के पास बड़ी मात्रा में  कोई पैतृक सम्पत्ति भी नही थी। श्री सिंह वर्ष 1990 एवं 1993 में विधायक बने। वर्ष 1998 के विधानसभा चुनावो में कवर्धा से हारने के पश्चात  डॉ रमन सिंह कर्ज में डूबे हुए थे।
दिसम्बर 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात् डॉ रमन सिंह की संपत्तियों में वृद्धि  होना आरम्भ हो गया , जबकि उनके दोनों बच्चे जवान हो चुके थे तथा प्रोफेशनल कोर्सेस कर रहे थे जिसपर बड़ी राशि व्यय होना स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री बनने से डॉ रमन सिंह की सम्पत्ति बढ़ने का  कोई कारण नही था क्योकि उनका अथवा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा कोई ऐसा व्यापार आरम्भ नही किया गया था, जिससे उनकी आय में तीव्र वृद्धि  हो सके।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सर्वप्रथम अपने ठाठापुर स्तिथ पैतृक मकान में लाखो रुपय व्यय करके उसका कायाकल्प करवाया। उसके बाद कवर्धा के अपने समान्य से निवास पर करोड़ो रुपय व्यय करके उसे महलनुमा बनवाया गया। पैतृक मकान से लगी मंडी की जमीन भी उनके द्वारा अतिक्रमित कर उसपर भी कब्ज़ा कर लिया गया। उसके बाद उन्होंने मोलश्री विहार , रायपुर में महलनुमा मकान बनाया, जिसकी लागत किसी भी दिशा में 2 हजार रू प्रति वर्ग फिट से कम नही है। यह भी उल्लेखनीय है की उनके द्वारा मकान का पूरा ढांचा एक बार तैयार होने के बाद  पसंद न आने पर उसे तोडकर नए सिरे से पूरा मकान बनाया गया था।
आज दिनांक  तक उनके पुत्र की आय का  कोई  निश्चित स्रोत नही है विगत वर्षो में चार्टेड अकाउंटेंट के माध्यम से सम्पत्ति एवं नियमित आय के दस्तावेज बनाये गए है | जिसकी सूक्ष्म विवेचना किये जाने पर डॉ रमन सिंह की अवैध कमाई की राशि का पता लग जायेगा।
श्री तिवारी ने आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो(EOW) से अपील की है की डॉ रमन सिंह द्वारा चुनाव आयोग में प्रस्तुत शपथ पत्र में उल्लेखित चल अचल सम्पति की विस्तृत जाँच की जाए तथा विवेचना कर आर्थिक अपराध की धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया जाए।

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