छत्तीसगढ

कोरोना की लड़ाई में ट्रैकमैन निभा रहे है अहम भूमिका, ट्रैक का निरीक्षण करने रोजाना पैदल चलता है 12 km ताकि जरूरतमंदों तक पहुंचें सामान

रायपुर। एक ट्रैकमैन औसतन रोजाना 12 km है Track पर चलकर पटरियों को देखता है, कि कहीं उसमे कोई फॉल्ट तो नहीं है। वे इसलिए चेक करते है ताकि मालगाड़ी सही समय पहुंचें और सभी को जरूरी सामान मिल सके। दरअसल महामारी कोरोना की इस लड़ाई में मालगाड़ियों के परिचालन में एक अहम भूमिका ट्रैकमैन भी निभा रहे हैं।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा आवश्यक वस्तुओं का लदान किया जा रहा है। पुरे देश में लॉकडाउन की स्थिति में आवश्यक वस्तुओं में कोई कमी ना आये, इसके लिए भारतीय रेल में मालगाड़ियों चलाई जा रही हैं। हालांकि कई अधिकारी व कर्मचारी इस समय घर से काम कर रहे हैं, लेकिन ट्रैकमैन को अपनी सुरक्षा के साथ आम लोगों का भी ध्यान रखना पड़ रहा है, लिहाजा उन्हें मुँह अंधेरे घर छोड़ना पड़ता है। अधिकारी भी अपने अधीनस्थ अधिकारियों से सम्पर्क रखते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मंडल रेल प्रबंधक श्याम सुंदर गुप्ता द्वारा भी इसकी मॉनीटिरिंग किया जा रहा है।

अलसुबह छोड़ देते हैं आशियाना

ट्रैकमैन- ट्रैक की पेट्रोलिंग, गेटमैन एवं की-मैन का कार्य कर रहें हैं। एक की-मैन Apne कार्य के लिए सुबह 5 बजे निकलता है और अपने क्षेत्र के पूरे ट्रैक का अच्छे से निरीक्षण करके शाम को 5 बजे घर लौटता है। इस दौरान वह औसतन 12 km daily track par चलता है एवं यह ensure करता है कि ट्रैक पर सब ठीक है और जरूरत होने पर उच्च अधिकारियों को इस से अवगत कराता है। वहीं gateman Apne फाटक पर मुस्तैदी से खड़ा रहकर सड़क से आने जाने वाले वाहनों की संरक्षा का ध्यान रखता है। जहां एक और कोरोना वायरस के डर से लोगों को घरों में रहना पड़ रहा है वहीं भारतीय रेलवे के ये कर्मगार संघर्षशील समय में भी महत्वपूर्ण योगदान देकर अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं। इनकी तत्परता और और लगनता से किए जा रहे रेलवे ट्रैक के संरक्षा कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी भी ट्रॉली इंस्पेक्शन के साथ इन्हें काउंसिल भी कर रहे हैं।

महिलाकर्मी निभा रहे हैं दोहरी भूमिका

ट्रैकमैन में कार्यरत महिला कर्मचारियों द्वारा मास्क बनाने का कार्य किया जा रहा है। इन्हें मास्क बनाने के लिए रेलवे द्वारा सामग्री उपलब्ध कराई गई है। ट्रैक पर कार्य करते समय करोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सैनिटाइजर, मास्क, हैंडवॉश भी उपलब्ध कराए गए हैं। सभी लोग निश्चित दूरी बनाते हुए कार्य कर रहे है। ट्रैकमैन का कार्य मैनुअली होता है इसलिए इन्हें विषम परिस्थितियों में भी देशहित में कार्य कर रहे हैं। रेलवे ट्रैक को ग्रीष्म ऋतु के अनुरूप मापदंडों के अनुसार भी दुरुस्त कर रहे हैं। रेल पटरियों को समय-समय पर विभिन्न मौसम के अनुसार एडजस्ट करना पड़ता है। रायपुर रेल मंडल में अन्य विभागों परिचालन सिगनलिंग रेलवे सुरक्षा बल वाणिज्य विभाग मैकेनिकल विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी लॉकडाउन रहते हुए अपना कार्य कर रहे हैं। इस तरह यह महिलाकर्मी घर के साथ अपने ऑफिस कार्य के बाद कोरोना महामारी में मास्क सहित अन्य चीजों को बनाकर अपनी देश व समाज में महती भूमिका निभा रही है।

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