छत्तीसगढ

बजट सत्र रहा विनोदन भरा : पूर्व CM के हेलिकॉप्टर में सुरक्षा के सवाल पर CM ने अदा किया शुक्रिया…क्यों? विनोद के कई अवसर भी दिखे

रायपुर, 2 मार्च। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के सातवें दिन प्रश्नकाल के दौरान राज्य सरकार द्वारा किराये पर लिये गये हेलिकॉप्टर में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल उठे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूछा, पिछले दो वर्षों में सरकार ने किन-किन कंपनियों से हेलिकॉप्टर किराये पर लिया। कंपनियों को किस दर से कितना भुगतान किया गया और अभी कितना भुगतान किया जाना है।

जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पिछले दो वर्षों में छह कंपनियों से 288 दिनों के लिए हेलिकॉप्टर किराये पर लिये गये। इसपर 14 करोड़ 40 लाख 26 हजार 684 रुपए का भुगतान हुआ है। दो एविएशन कंपिनयों को एक करोड़ 72 लाख 98 हजार 310 रुपये का भुगतान शेष है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, अनुबंध सूची में शामिल सीजी एविएशन एक प्रोपाइटर कंपनी है। किराये पर हेलिकॉप्टर देने के लिए NSOP (नान शेड्यूल्ड ऑपरेटर) परमिट होना चाहिए जो इस कंपनी के पास नहीं है। यह तो सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न है।

जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, एविएशन कंपनियों से यह अनुबंध 2013 में हुए थे। जिस कंपनी से बात हो रही है वह NSOP परमिट वाली कंपनी से अनुबंधित है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री आपकी सुरक्षा की चिंता कर रहे हैं। जवाब में मुख्यमंत्री बोले, मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं जो इस ओर ध्यान दिलाया। इसकी समीक्षा कर ली जाएगी। सुरक्षा में कोई ढील नहीं होगी।

दाल-भात में मूसलचंद

पहले ही सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हाे रहे सवाल-जवाब ने विनोद का अवसर भी बनाया। शुरुआत की विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने। महंत ने कहा, इस संयोग पर मुझे कुंवर बेचैन की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं। कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो पूछे नहीं जाते/ कुछ उत्तर ऐसे होते हैं जो बताए नहीं जाते।

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कुछ टिप्पणियां की तो खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, दो लोगों के बीच आप काहें दाल-भात में मूसलचंद बन रहें हैं भाई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा, दो पहलवानों को आपस में निपटने दीजिए। आप लोग शांत रहिए।

वन अधिकारियों पर कार्रवाई पर उठाए सवाल

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कटघोरा वन मंडल में कैम्पा फंड से बनाए गये स्टॉप डैम को लेकर आई शिकायतों और कार्रवाई की जानकारी मांगी। लिखित जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया, कटघोरा वन मंडल में 17 स्टाप डैम बनाए गए थे। इसमें पांच शिकायतें मिली थीं। तीन स्टाप डैम आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी मोहर सिंह मरकाम और तत्कालीन उप वन मंडलाधिकारी अरविंद तिवारी पर कार्रवाई हुई है।

बृजमोहन अग्रवाल की गैर मौजूदगी में विधायक शिवरतन शर्मा ने वन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, स्टाप डैम का निर्माण तो तकनीकी काम है। इसमें कमी मिलने पर तकनीकी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, इसकी तकनीकी जांच कराई गई। उसमें कमी नहीं थी। यह काम इन अधिकारियों की देखरेख में हो रहा था। काम खराब हुआ तो इनकी जिम्मेदारी बनती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button