छत्तीसगढ

बसना नगर पंचायत में पहली बार निर्दलीयों की बनी सरकार

रायपुर। प्रदेश में हाल ही में नगरीय निकाल चुनाव संपन्न हुए एक और सभी नगर निगमों में कांग्रेस पार्टी ने अपना महापौर बनाकर सरकार के कामकाज को बेहतर परिणाम बता रही है तो वहीं भाजपा ने भी प्रदेश के सभी 2800 वार्डों में से 1138 पार्षदों के जीत का दावा कर भाजपा की बेहतर स्थिति की बात कर रहे हैं। लेकिन बसना नगर पंचायत मैं एक बार फिर संपत अग्रवाल का जादू बरकरार रहा नगर पंचायत बसना में सात निर्दलीय पार्षद एक साथ संपत अग्रवाल ने अपना अध्यक्ष बनाने का ऐतिहासिक कीर्तिमान हासिल किया शायद छत्तीसगढ़ इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जहां किसी राजनीतिक जनप्रतिनिधि की व्यक्तिगत लोकप्रियता के कारण भाजपा एवं कांग्रेस दोनों को मुंह की खानी पड़ी आपको बता दें कि संपत अग्रवाल विगत 1 वर्ष पूर्व प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे जिसमें कांग्रेस के देवेंद्र बहादुर सिंह से बहुत ही कम अंतर में हार का सामना करना पड़ा था वहीं भाजपा प्रत्याशी डीसी पटेल तीसरे स्थान पर रहे यदि दोनों वोटों के शेयर को देखा जाए तो संपत अग्रवाल का विधानसभा चुनाव में 28.52% था वही भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डीसी पटेल का महल 20.75% था संपत अग्रवाल ने इस 1 वर्ष में अपनी राजनैतिक क्षेत्रों में और सहरसा से सक्रिय होकर कार्य किए जिससे नगर पंचायत बसना में एक बार फिर अपनी लोकप्रियता का उदाहरण पेश किया हालांकि इसके पूर्व भी संपत अग्रवाल बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं प्राय देखा जाता है कि जब किसी भी दल का उम्मीदवार पद पर आसीन होता है तो उसके प्रति एंटी इन बंसी हावी रहती है लेकिन बसना में ठीक उल्टा हुआ है जहां पूर्व में अध्यक्ष पद में रहते हुए भी संपत ने नगर पंचायत में बहुत बहुमत हासिल किया है बसना नगर पंचायत के परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संपत अग्रवाल का पहला आगामी विधानसभा चुनाव में और भी मजबूत होगा।

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